उत्तरायणी पर्व विशेष : दिखते ही नहीं कौवे तो बुलायें किसे

काले कौवा काले-काले, घुघुति माला खालेतू लिजा बड़, मैं कैं दीजा सूना घड़…। समाचार सच, हल्द्वानी। कौवे बुलाने की परंपरा कुमाऊं में वर्षों से चली आ रही है। कौवे को बुलाना पूर्वजों को याद करना भी माना जाता रहा है।…

उत्तरायणी पर्व विशेष : रानीबाग में जियारानी की गुफा का ऐतिहासिक महत्व

-रानी की खूबसूरती पर रोहिल्लों की सेना हुई थी मोहित-14 जनवरी को पहुंचते है गढ़वाल के कई क्षेत्रों से कत्यूरी व पंवार वंशज के लोग समाचार सच, हल्द्वानी। कुमाऊं के प्रवेश द्वार काठगोदाम स्थित रानीबाग में जियारानी की गुफा का…