समाचार सच, देहरादून। उत्तराखंड की एक प्रसिद्ध मंदिर में वर्षों से चली आ रही बलि प्रथा पर जल्द ही रोक लग जाएगी। 24 जून को कालसी के पंजियां गांव की प्रसिद्ध शिवगुर बिजट मंदिर में विशेष पूजा अर्चना करने के बाद बलि प्रथा पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी।
यह फैसला किसी के दबाव में नहीं बल्कि ग्रामीणों ने स्वयं से लिया है। उनकी इस पहल की चारो तरफ चर्चा है। पहले इस मंदिर में हर रोज तीन से चार बकरों की बलि दी जाती थी। कहा जाता था कि देवता खुश होते हैं इसलिए यहां आने वाले भक्त बकरों की बलि देते हैं।
मंदिर प्रशासन ने निर्णय लिया है कि 24 जून को विशेष पूजा के बाद यहां बलि पूरी तरह से रोक दी जाएगी। अगर कोई श्रद्धालु मंदिर में बकरा चढ़ाना चाहता है तो उसे देवता के नाम पर छोड़ दिया जाएगा।
मंदिर के पुजारी संतराम भट्ट और वजीर टीकम सिंह चौहान ने भी इस फैसले पर अपनी सहमति दर्ज करवाई। दूर-दूर से अपनी मान्यताओं के पूरा होने पर यहां आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर में बकरा कटते देखना अजीब लगता था जिस पर पहले भी नाराजगी जाहिर की जा चुकी है।
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