समाचार सच, हल्द्वानी (क्राइम रिपोर्टर)। यहां एक मंदिर के पुजारी ने फांसी के फंदे में झूलकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि वह लंबे समय से मानसिक रूप से परेशान था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही पुलिस पुजारी के आत्महत्या करने के कारणों का पता लगाने का प्रयास कर रही है।


प्राप्त जानकारी के अनुसार मूलरूप से बागेश्वर के रीमा गांव के रहने वाले पंडित भास्करानंद जोशी यहां मल्ला गोरखपुर स्थित निवारण नगर में त्रिपुरेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर के पुजारी थे, और मंदिर के बगल में ही वह कमरे में रहते थे। रविवार की सुबह छह बजे जब पंडित भास्करानंद जोशी पूजा के लिए अपने कमरे से नहीं निकले तो मंदिर में पहुंचे भक्त व श्रद्धालुओं को शक हुआ उन्होंने पंडित के कमरे में झांक कर देखा तो उनके होश उड़ गये। पंडित का शव कमरे की छत पर लगे पंखे के कुंडे से लटक रहा था। भक्तों ने शीघ्र ही इसकी सूचना पुलिस को दी।
मौके पर पहुंची भोटिया पड़ाव चौकी पुलिस ने शव को फंदे से उतारा। जांच पड़ताल में पता चला कि शव झुलसा हुआ है। शव का पिछला हिस्सा जला हुआ था। जब रसोई में जाकर देखा गया तो पता चला कि सिलेंडर का पाइप निकाला गया है। आशंका जताई जा रही है कि फंदे में लटकने से पहले उसने स्वयं को रसोई गैस में रखे सिलेंडर का पाइप निकाल कर उसमें से निकल रही आग के हवाले करने का प्रयास भी किया होगा। इससे उसके शरीर का पिछला हिस्सा तो जल गया, लेकिन मौत नहीं हुई होगी। लेकिन बाद में धोती को फंदा बना कर उसने कमरे के कुंडे से लटक कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर लिया।
बताया जा रहा है कि पुजारी पिछले काफी समय से तनाव में जी रहा था। उसका इलाज भी चल रहा था। उसका परिवार रीमा में ही रहता था। जबकि उनके कुछ रिश्तेदार हल्द्वानी रहते हैं। पंडित अपने कमरे में अकेले ही रहते थे। भास्करानंद जोशी का पिछले साल ही बेटा हुआ है। उनके परिजनों को घटना की जानकारी दे दी गई है। रिश्तेदार तो मौके पर पहुंच गए हैं। लेकिन समाचार लिखे जाने तक पत्नी व परिजन अभी यहां नहीं पहुंचे हैं।




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