समाचार सचए देहरादून। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी ने पूरी दुनिया को भय की एक खाई में ढकेल दिया है। दुनियाभर के कई देशों में इस महामारी से निपटने के लिए लॉकडाउन लगाना पड़ा और साल 2020 का बड़ा हिस्सा इसी लॉकडाउन की भेंट चढ़ गया। करोड़ों लोग इस बीमारी की चपेट में आएए अधिकतर देशों की अर्थव्यवस्था भी गर्त में चली गई। वहीं इस वर्ष 2021 में फिर यह बीमारी लाखो लोगो की जिंदगियां खत्म कर चुकी हैं। कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत से पहले इसकी भविष्यवाणी करने वाले आचार्य डॉक्टर सुशांत राज ने इस साल भविष्यवाणी की है की 15 जून के बाद से कोरोना वायरस वैश्विक महामारी कम होनी शुरू हो जाएगी।
आचार्य डॉक्टर सुशांत राज का कहना है कि कोरोना वायरस से जूझ रहे भारत को 15 जून के बाद से राहत मिलनी शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा की अभी स्थिति ऐसी ही रहेगी। जून में संक्रमण पर काबू पाने की स्थिति बन जाएगी। लेकिन लोगों में व्याप्त भय और कोरोना वायरस के चलते लगाए गए प्रतिबंध अभी समाप्त नहीं होंगे। ये वायरस जल्द कब्जे में आ जाएगा।
आचार्य डॉक्टर सुशांत राज का कहना है कि जब गुरु और केतु का समीकरण धनु राशि में बनता है तो किसी ना किसी प्रकार से बीमारियों का संक्रमण इस काल में बढ़ता है जिससे जान माल की काफी क्षति होती है। केतु और गुरु के इस युति की पुनरावृत्ति 129 वर्षों के बाद होती है। इस युति में एक विशेष कारण यह था कि जब भी केतु और गुरु का आपसी संबध धनु राशि में बना तो उसका जो समय था वह बहतु छोटा होता था।
कुछ महीने या कुछ दिन कहीं.कहीं पर केवल 15 दिनों का ही समीकरण पाया था। परंतु 2019 में जब यह गुरु केतु का समीकरण बना 5 नवबंर 2019 से प्रारभं होकर 24 सितबंर 2020 तक चला जो कि बहुत लंबा समय था और उस पर एक विपरीत कारण यह कि 25 जनवरी 2020 तक इस पर शनि महराज ने भी संबंध बनाए रखा और इस समीकरण को एक खतरनाक रूप दिया। इसके बाद साल 2021 में एक बार फिर से षटग्रही योग 9 से 11 फरवरी के मध्य बना। इसके बाद स्थितियां भी गंभीर होती गयीए भूकंप ग्लेशियर का टूटना साथ ही वैश्विक महामारी कोरोना ने फिर से पैर पसारने शुरू कर दिएए अब एकबार फिर से विश्व के साथ हमारे देश में कोरोना विकराल रूप धारण कर चूका हैं।
वायरस के लिए हम केतु एवं बुध और इनके नक्षत्रों को ही लेते हैं। यहां पर केतु ज्येष्ठा नक्षत्र में वृश्चिक राशि में स्थित है जिस पर मंगल की दृष्टि है जो इसे और खतरनाक स्वरूप प्रदान कर रही है। इसके साथ ही साथ सूर्य चंद्रमा एवं बुद्ध तीनों ही रेवती नक्षत्र में स्थित हैं। ऐसी स्थिति में अभी तो कोविड.19 से जून से पहले छुटकारा मिलते हुए नहीं दिखाई दे रहा है।







सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -
👉 हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें
👉 फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ लाइक करें
👉 यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करें
हमसे संपर्क करने/विज्ञापन देने हेतु संपर्क करें - +91 70170 85440