समाचार सच, दिल्ली। केंद्रीय ड्रग कंट्रोल विभाग के आदेश के बाद अब हर दवा में साइड इफेक्ट की जानकारी मिलेगी। इस आदेश के बाद हर दवाओं के पैकेट पर अब उनके साइड इफेक्ट्स लिखना जरूरी हो गया है। दवाओं के साइड इफेक्ट्स पर हुई एक रिसर्च के बाद केंद्रीय ड्रग कंट्रोल विभाग ने फार्मा कंपनियों को ये आदेश दिया है। दवाओं के पैकेट पर अब उनके साइड इफेक्ट्स लिखना जरूरी हो गया है। दवाओं के साइड इफेक्ट्स पर हुई एक रिसर्च के बाद केंद्रीय ड्रग कंट्रोल विभाग ने फार्मा कंपनियों को ये आदेश दिया है।


वैज्ञानिकों ने दवाओं पर रिसर्च कर पता लगाया है कि एंटीबायोटिक्स और डिप्रेशन जैसी बीमारियों की दवाइयों के साइड इफेक्ट बेहद नुकसानदेह होते हैं। इस रिसर्च के आधार पर ड्रग कंट्रोलर ने मेडिसिन बनाने वाली कंपनियों को दवा से होने वाले साइड इफेक्ट्स को पैकेट पर लिखने का आदेश दिया हैं, ताकि दवाओं के इस्तेमाल में लोग सावाधानी बरतें।
केंद्रीय ड्रग कंट्रोलर ने नो योर मेडिसिन मुहिम के तहत 7 तरह की मेडिसिन और उनसे बनने वाले सैकड़ों ब्रांड्स को लेकर जागरुकता फैलाने की तैयारी की है।
- मान लीजिए सेफोटैक्सिम, सेफीएग्जाइम जैसी एंटीबॉयोटिक्स खाने से स्किन एलर्जी, त्वचा में सूजन जैसी दिक्कते हो सकती हैं।
- इसके अलावा मेंसुरेशन ब्लीडिंग नियंत्रण और डिप्रेशन में खाने वाली कई दवाओं से चक्कर आना साथ ही इंफेक्शन जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
- इसी तरह आर्थराइटिस, मिर्गी और माइग्रेन की कुछ दवाओं से त्वचा की तकलीफें हो सकती हैं।
- ये जिम्मेदारी फिलहाल आपकी भी है और अगर आप भी ऐसी मेडिसिन का इस्तेमाल करते हैं तो दवा खरीदने से पहले उससे होने वाले नुकसान के बारे में जान लीजिए।
- दवा खाने से बीते 5 साल में देश में साइडइफेक्ट्स और एडवर्स इंवेट्स के मामलों में 150 फीसदी तक बढ़े हैं।
- साल 2013 में सिर्फ 28 हजार शिकायत साल 2017 तक 71 हजार तक पहुंच गई हैं।
- यह वह मामले हैं जो रिपोर्ट किए गए।

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