ये गलत आदतें पहुंचा सकती हैं रीढ़ की हड्डी को नुकसान

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समाचार सच. स्वास्थ्य डेस्क। इस भागती दौड़ती जिंदगी में पीठदर्द एक सामान्य समस्या बन गई है आपकी कौन सी आदतें आपकी पीठ व रीढ़ की हड्डी के लिए सही नहीं है।
धूम्रपान: वैसे तो धूम्रपान अपने आप में हानिकारक आदत है, लेकिन इससे पीठदर्द की समस्या भी हो सकती है, क्योंकि सिगरेट में मौजूद निकोटिन रीढ़ की हड्डी के आसपास के रक्तप्रवाह को बाधिक कर देता है, जिससे दर्द उभर सकता है।
खड़े होकर काम करना: हम सभी अक्सर सुनते हैं कि ज्यादा देर तक बैठना सेहत के लिए हानिकारक होता है, लेकिन हम आपको बता दें कि ज्यादा समय तक खड़े रहना भी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता। इससे गर्दन, रीढ़ की हड्डी और कंधों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। गलत ढंग से ज्यादा देर तक खड़े रहने से रीढ़ की हड्डी में भयंकर दर्द हो सकता है।
गलत पोश्चर: हमारी मांसपेशियों और ज्वॉइंट्स को स्वस्थ रखने के लिए उन्हें लचीला बनाए रखना बहुत जरूरी है। गलत पोश्चर में बैठने या खड़े होने पर उन पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। अगर ज्यादा समय तक आपका सिर व कंधा गलतपोजिशन में रहता ह तेा इसका अर्थ हुआ कि आप अपने शरीर का ऊपरी हिस्सा सही तरीके से नियंत्रित नहीं कर रहे हैं। ऐसा करने से रीढ़ की हड्डी टेढ़ी होने लगती है। गलत पोश्चर से बचने के लिए आपको सही तरीके से बैठना, उठना और सोना होगा ताकि रीढ़ की हड्डी को सर्पोट करने वाली मांसपेशियों व स्नायुतंत्र पर ज्यादा दबाव न पड़े।
गलत साइज के जूते पहनना: तकलीफदेह और गलत साइज के जूत पहनने से भी पीठदर्द की समस्या होती है। अपने पैरों पर कम दबाव डालने के लिए अच्छी क्वॉलिटी के जूते पहनें। अगर आपको ठंड के मौसम स्नीकर्स या बूट पहनना पसंद है तो पैरों को रगड़ से बचाने के लिए मोजे पहनें।
आराम न करना: आमतौर पर लोग छोटे-मोटे दर्द को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन पीठ में थोड़ा भी तकलीफ या दर्द महसूस होने पर आराम करना बहुत जरूरी है। हालांकि हर बार आराम करना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन जैसे ही समय मिले आराम करें, भले ही आपका दर्द कम हो गया हो। मासंपेशियों प पर दबाव कम करने के लिए पैरों को थोड़ा ऊपर करके लेट जाएं।
ऐसा काम करना जो आपको पसंद न हो: ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं के अनुसार, जो लोग अपनी नैकरी से खुश नहीं रहते, उन्हें पीठदर्द की समस्या आम लोगों की तुलना में ज्यादा होती है। शोधकर्ताओं के अनुसार, ऐसा शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक कारणों से होता है।
अत्यधिक मानसिक कार्य: कभी-कभार ज्यादा समय तक दिमागी काम करने से भी पीठदर्द की समस्या हो सकती है। इसलिए दिमाग पर अत्यधिक जोर न डालें। समय मिलने पर काम और दूसरी समस्याओं के अलावा भी कुछ सोंचे। आप तनाव घटाने के लिए अपना पसंदीदा स्पोर्ट्स खेल सकते हैं या कोई मूवी देख सकते हैं। अलग चीजों के बारे में सोचने से पीठदर्द कम हो सकता है।
मोबाइल फोन: हाल ही में हुए अध्ययन के अनुसार, एक सामान्य टैक्स मैसेज करने या पढ़ने पर रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ता है। रोजाना मोबाइल का इस्तेमाल करने से कर्विकल स्पाइल का नैचुरल कर्व बिगड़ सकता है, जिससे उस हिस्से पर अत्यधिक दबाव पड़ता है। एक अध्ययन के अनुसार, लोग औसतन 2 से 3 घंटे मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि हमारी गर्दन सालभर में 700 से 1400 घंटे झुकी हुई रहती है। इससे रीढ़ की हड्डी से जुड़ी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। यह बात भी सही है कि हम मोबाइल का इस्तेमाल करना छोड़ नहीं सकते, लेकिन मोबाइल इस्तेमाल करते समय शरीर का पोजीशन और पोश्चर सही रखिए।
सामान उठाते समय रीढ़ की हड्डी टिव्सट कर लेना: बहुत से लोग ऐसी गलती करते हैं। लोग सामान उठाते समय अपने पैरों को मोड़ने की बजाय पीठ को मोड़ लेते हैं। अक्सर ऐसा करने से रीढ़ की हड्डी पर बुरा प्रभाव पड़ता है। अतः सामान उठाते समय घुटनों को मोड़कर आगे झुकें और सामान उठाएं। सामान को शरीर के पास रखें और सामान रखते समय भी घुटने मोड़ें, न की पीठ।
मोटापा: आजकल ज्यादातर लोग असक्रिय जीवनशैली जीते हैं। जिसका नकारात्मक असर रीढ़ की हड्डी पर पड़ता है। बहुत से शोधों से यह सिद्ध हुआ है कि जो लोग नियमित रूप से एक्सरसाइज नहीं करते या जिनका वजन ज्यादा होता है, उन्हें पीठ दर्द की समस्या होने का खतरा ज्यादा होता है। इससे बचने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। ऐसा करने से न सिर्फ आपकी रीढ़ की हड्डी स्वस्थ रहेगी, बल्कि आपको मोटापे से मुक्ति भी मिल जायेगी।
एक्सरसाइज का तरीका: इसमें कोई दोराय नहीं है कि एक्सरसाइज के कई फायदें हैं। हम आपको बताना चाहेंगे कि वेट लिफ्टिंग करने से रीढ़ की हड्डी की डेंसिटी बढ़ती है और रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है, लेकिन कुछ खास किस्म के एक्सरसाइज, जैसे जिम में साइकिलिंग करने से पीठ व गर्दन पर बुरा प्रभाव है, क्योंकि अक्सर जिम में साइकिलिंग के दौरान हमें पीठ को आगे की ओर झुकाए रखना पड़ता है। ऐसा लगातार कई दिनों तक करना रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंच सकता है। अतः ऐसा करने से बचें।
कैफीन की आदत: कॉफी और सोडा में मौजूद कैफिन शरीर के कैल्शियम एब्जॉर्ब करने की क्षमता को कम कर देता है, जिससे बोन डेंसिटी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अतः खाने में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम ग्रहण करें या कैफिन का सेवन संतुलित मात्रा में करें।
दवाएं: कुछ दवाएं, खासतौर पर स्टेरॉइड हड्डियों को कमजोर बना देती है, आपकी हड्डियों व स्पाइन पर उतना ही नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसलिए अगर आपकी दवाओं का बोन डेंसिटी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है तो डॉक्टर से इस बारे में बात करके पूछें कि दवा का कोई अन्य विकल्प मौजूद हैं या नहीं।
बैगपैक: बैगपैक का पीठ की दर्द से डायरेक्टर कनेक्शन है, लेकिन हम आपको बताना चाहेंगे कि पीठ दर्द बैगपैक के कारण नहीं, बल्कि उसके लेन के तरीके के कारण होता है। इसलिए बैगपैक को हमेशा दोनों कंधों पर टांगें और बैग में अनावश्यक चीजें न रखें। (सभार: आरोग्य संजीवनी)

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