इम्यूनिटी को बढ़ाने के साथ अन्य फायदे पाने के लिए रूटीन में गिलोय का जूस रोजाना थोड़ी मात्रा में लें

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समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। कोविड-19 से बचे रहने के लिए एक्सपर्ट इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखने की सलाह दे रहे हैं क्योंकि यह वायरस से लड़ने और सुरक्षित रखने में किसी की भी मदद कर सकती है। आयुर्वेद में इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के लिए सबसे अच्छी जड़ी-बूटी गिलोय है। इसलिए आज हम आपको गिलोय जूस के फायदों के बारे में बता रहे हैं। इसके बारे में हमें आयुर्वेदिक एक्घ्सपर्ट अबरार मुल्घ्तानी जी बता रहे हैं।

कहते हैं कि जब देवताओं और दानवों के बीच समुद्र मंथन के दौरान अमृत निकला था तब इस अमृत की बूंदें जहां-जहां गिरी, वहां-वहां गिलोय की उत्पत्ति हुई। इसलिए इसे संस्कृत में अमृता नाम दिया गया है। इसके पत्ते पान के पत्ते जैसे दिखाई देते हैं और इसके बहुत सारे फायदे आयुर्वेद में बताए गए हैं जो न केवल आपको हेल्घ्दी रखते हैं, बल्कि आपकी सुंदरता को भी निखारने में भी मदद करते हैं।

गिलोय के जूस में कैल्शियम, प्रोटीन, फॉस्फोरस पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसका नियमित इस्तेमाल आपको कई तरह की बीमारियों से दूर रखने में मदद करता है। आइए जानते हैं कि गिलोय जूस लेने से इम्यूनिटी अच्छी होने के साथ-साथ ब्यूटी और हेल्थ से जुड़े कौन से फायदे हो सकते हैं।

इम्यूनिटी बढ़ाएं
गिलोय एक ऐसी जड़ी-बूटी है जो इम्यूनिटी बढ़ाकर हमें बीमारियों से दूर रखती है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स को बाहर निकालने का काम करते हैं। यह ब्लड को साफ करती है और बैक्टीरिया से लड़ती है। अगर आप अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाना चाहती हैं तो गिलोय के जूस को अपने रूटीन में शामिल करें।

खूबसूरती बढ़ाएं
गिलोय का जूस न केवल हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है, बल्कि यह त्वचा और बालों को भी सुंदर बनाता है। इसमें एंटी एजिंग गुण होते हैं, जिसकी मदद से चेहरे से काले धब्बे, मुंहासों, फाइन लाइन्स और झुर्रियों से बचा जा सकता है। इसके सेवन से आप निखरी और ग्लोइंग त्वचा पा सकती हैं। इसके अलावा यह बालों के लिए भी बहुत अच्छा होता है। अगर आप बालों में डैंड्रफ, बाल झडऩे या सिर की त्वचा की अन्य समस्याओं से जूझ रहे हैं तो गिलोय के सेवन से आपकी ये समस्याएं भी दूर हो जाएंगी।

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गिलोय जूस बनाने का तरीका
गिलोय के कुछ डंडियों लें और उन्हें एक गिलास पानी में तब तक उबालें जब तक कि पानी कम मात्रा में न रह जाए। पानी को छान लें और रोजाना इसका सेवन करें। यह आपके ब्लड को शुद्ध करने, विषाक्त पदार्थों को हटाने और रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करेगा।

डाइजेशन के लिए अच्छा
अगर आप पेट से जुड़ी समस्घ्याओं जैसे कब्घ्ज या अन्य समस्याओं से परेशान है तो रोजाना गिलोय जूस लें। यह डाइजेस्टिव सिस्टम के कामों को सही तरीके से संचालित करता है और भोजन के डाइजेस्ट करने की प्रक्रिया में मदद करता है। इससे आप कब्ज और पेट की दूसरी समस्याओं से बची रह सकती हैं।

बुखार को ठीक करें
अगर किसी को बार-बार बुखार आता है तो उसे गिलोय जूस का सेवन करना चाहिए। गिलोय हर तरह के बुखार से लडऩे में मदद करता है। एंटीपायरेटिक गुण के कारण इसका इस्तेमाल बुखार का प्रबंधन करने के लिए किया जा सकता है। यह प्लेटलेट काउंट को भी बढ़ाता है और डेंगू बुखार में मदद कर सकता है।

डायबिटीज में फायदेमंद
गिलोय जूस में हाइपोग्लाइसेमिक गुण होता है यानि यह ब्घ्लड में शुगर के लेवल की मात्रा को कम करता है। इसलिए इसके सेवन से ब्घ्लड में शुगर की मात्रा कम हो जाती है, जिसका फायदा टाइप टू डायबिटीज के मरीजों को होता है। हमारे शरीर में गड़बड़ी खराब जीवनशैली का परिणाम होता है, जिससे रक्तप्रवाह में मौजूद चीनी का उपयोग एनर्जी उत्पादन के लिए प्रभावी रूप से करना मुश्किल हो जाता है। लेकिन हमारे ब्घ्लड शुगर के लेवल पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता है।

अर्थराइटिस के लिए फायदेमंद
अर्थराइटिस में न सिर्फ जोड़ों में दर्द होता है, बल्कि अकड़न के कारण चलने-फिरने में भी परेशानी होती है। गिलोय जूस में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-आर्थ्रिटिक गुण होते हैं जो अर्थराइटिस के लक्षणों का इलाज करने में मदद कर सकते हैं।

एनीमिया दूर करें
आमतौर पर एनीमिया आयरन की कमी के कारण होता है, लेकिन कैंसर, ऑटोइम्यून रोग, संक्रमण और क्रोनिक किडनी रोगों के कारण भी एनीमिया हो सकता है। यह सूजन के एनीमिया के रूप में जाना जाता है। शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के छोटे जीवन काल के कारण सूजन प्रेरित एनीमिया होता है और नई लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में भी दमन होता है। ज्घ्यादातर भारतीय महिलाएं में एनिमिया की कमी पाई जाती है। इससे उन्हें हर समय थकान और कमजोरी महसूस होती है। गिलोय जूस के सेवन से शरीर में रेड ब्लड सेल्स की संख्या बढ़ जाती है और एनीमिया से छुटकारा मिलता है।

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स्ट्रेस करता है कम
कल तनाव या स्ट्रेस एक बड़ी समस्या बन चुका है। गिलोय के रस का सेवन चिंता, तनाव और डिप्रेशन को दूर करने में मदद करता है, गिलोय में एडाप्टोजेनिक गुणों की उपस्थिति नसों को शांत करने में मदद करती है और तनाव से राहत देने वाले हार्माेन को बढ़ावा देती है। वास्तव में, गिलोय पाउडर का उपयोग स्वाभाविक रूप से तनाव और चिंता को कम करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं में एक सक्रिय घटक के रूप में किया जाता है।

अस्थमा में फायदेमंद
अस्थमा से परेशान महिलाओं को अपनी डाइट में गिलोय के जूस को शामिल करना चाहिए। अस्थमा एक पुरानी फेफड़ों की बीमारी है जो वायुमार्ग में सूजन के कारण होती है। अस्थमा, खांसी और नाक की एलर्जी जैसे कफ संबंधित विकारों के लिए गिलोय का जूस बहुत अच्घ्छा होता है।

वेट लॉस में मददगार
गिलोय का जूस शरीर के मेटाबॉलिजम को ठीक करता है। इसे लेने से सूजन कम होती है और डाइजेशन सही रहता है। ऐसा होने से पेट के आस-पास जमा चर्बी कम होती है। जड़ी-बूटी के औषधीय गुणों में से एक यह है कि इसका उपयोग एक एडाप्टोजेनिक पदार्थ के रूप में किया जाता है, जो तनाव को मैनेज करने की शरीर की क्षमता को बढ़ावा देता है। यह तनाव के प्रभावों को कंट्रोल करके और बार-बार खाने की आदत को रोककर वजन घटाने में मदद करता है। इसलिए जिद्दी पेट वसा से छुटकारा पाने के लिए गिलोय का जूस एक उत्कृष्ट उपाय है।

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