तुमर ख्वर… ज्यादातर पहाड़ी बॉर्न कॉमेडियन होते हैं।

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-तुमर ख्वर, सडिया समय आ साल, दम कसम हैं इनके फेमस कुमाऊँनी डायलॉग

-माताजी के एक गाने को भी किया है 1000 से भी ज्यादा लोगों ने शेयर

-शुरू-शुरू में लोग देखते नहीं थे वीडियो

समाचार सच, हल्द्वानी। आज “एक मुलाकात” शीर्षक में हम आपकी भेंट कराने जा रहे हैं एक ऐसे कलाकार से जो बचपन में बहुत शर्मिला था। जिसे चार लोगों के सामने बोलने में भी डर लगता था। लेकिन आज वही लड़का गोपका, पिरमू का, गनु दमची, बिशन और भूरी बनके लोगों को हँसा-हँसा के पेट में दर्द कर दे रहा है। यही नहीं बल्कि वो ये सोच भी रखता है कि यदि कोई पहाड़ी बच्चा एक्टिंग करना चाहता है तो वो उसकी भी हरसंभव मदद करने को तैयार है।

शेखर जोशी द्वारा संपादक अजय चौहान और मोटिवेशनल स्पीकर कुलदीप सिंह को दिए गए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के कुछ मुख्य अंश:

आप पहाड़ में कहाँ से आते हैं और आपने पढ़ाई कहाँ से की?

मेरा नाम चंद्रशेखर जोशी है। पिताजी मेरे टीचर है और माताजी गृहणी है। हम लोग दो भाई हैं। मैंने पढ़ाई इंटर कॉलेज दौलाघट से ही की है। मेरा गांव मजखाली के पास गल्ली है। फिर मैंने अल्मोड़ा कॉलेज से बीकॉम किया।

कॉलेज पूरा करने के बाद आपने कहाँ काम किया?

दिल्ली साउथ एक्स से मैंने 1 साल का सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग का कोर्स किया। दिल्ली में मैंने 8-9 साल काम किया पर दिल में हमेशा यह था कि हल्द्वानी जाना है। मैं 2013 में सब कुछ छोड़-छाड़ के यही आ गया और अब एक कंपनी में कमर्शियल इंचार्ज के पद पर हल्द्वानी में 5 साल से काम कर रहा हूँ।

यूट्यूब चैनल बनाने का मन में कब आया?

2018 में मैंने यूट्यूब चैनल शुरू किया। शुरुआत में मैंने हिंदी वीडियो बनायी जो ज्यादा चली नहीं। फिर एकदम से दिमाग में आ गया कि पहाड़ी वीडियो ही बनानी है चाहे चले, नहीं चले।

जब आपने वीडियो बनानी शुरू की थी तो लोगों का रुझान कैसा था?

शुरू में उन्हें थोड़ा लगता था कि क्या कर रहा है और यह टाइम वेस्ट हो रहा है। वह भी उनकी गलती नहीं है क्योंकि उनको पता भी नहीं था कि यूट्यूब क्या चीज है? इस फोरम पर कहां से कहां तक पहुंच सकते हैं! अब तो उनको भी समझ में आ गया कि इससे हम लोगों तक पहुंच सकते हैं।

यार-दोस्त भी कहते थे कि क्या बना रहा है? शुरू-शुरू में लोग देखते नहीं थे। लेकिन अब वे मेरी वीडियो देखते वक़्त सबको बताते हैं कि इस वीडियो में मेरा दोस्त है या ये मेरा रिश्तेदार है। अब उनको भी अच्छा लगता है।

आपकी पहली वायरल वीडियो कौन सी थी?

मेरी पांचवी या सातवीं वीडियो थी “3 बुढ़” करके तो वह सबसे ज्यादा वायरल हो गई। उसमें तीन बुढ़ आजकल के खानपान पर बातचीत करते हैं। पूरे विश्व में जो पहाड़ के लोग हैं उनके मुझे मैसेज आए। कई लोगों ने बोला कि हम यह वीडियो 10-15 बार देख चुके हैं। व्हाट्सएप स्टेटस पर भी लोगों ने लगाया।

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आपके चैनल के कितने सब्सक्राइबर तथा व्यूज हैं?

25000 से ज्यादा सब्सक्राइबर तथा 11 लाख से ज्यादा टोटल व्यूज।

तो ये कॉमेडी करने का शौक क्या आपमें बचपन से था?

मैं बचपन में बहुत शर्मीला था। मुझे चार लोगों के सामने बोलने में भी डर लगता था। लेकिन मैं बचपन से ही शैतान था। स्कूल में चटाई फाड़ के किसी की पूंछ बांध देना। जंगलों में घूमना। मुझे लगता है कि ज्यादातर पहाड़ी बॉर्न कॉमेडियन होते हैं। क्योंकि हम लोग हंसी-मजाक, यारी-दोस्ती में खूब रहते हैं। पहाड़ी कॉमेडी में इंस्पिरेशन का स्रोत हैं जीवन दा और मंगल दा। उनसे ही हमने सीखा है कि पहाड़ी में भी कॉमेडी इस तरीके की बन सकती हैं।

कौन-कौन लोग इस काम में आपकी मदद करते हैं?

सबसे पहले मेरे भतीजे और भतीजी साथ में थे। वह मुझको बहुत सपोर्ट करते थे। हर्षिता कैमरा संभालती थी। हर्षित लाइट पकड़ता था। मेरी बेटी लक्षा का काम डायलॉग बताना होता था। “मैं आज जहाँ भी हूँ कहीं ना कहीं इन बच्चों की वजह से ही हूँ।” पत्नी को जब मैंने बोला तो उन्होंने भी मेरा साथ देने के लिए कि चलो यार! ठीक है, अकेला पड़ जाता है, सपोर्ट करना शुरू कर दिया। ईजा, बौजू, भाई सब लोगों ने सपोर्ट किया।


आपकी माताजी का भी एक गाना वायरल हुआ था। उसके बारे में कुछ बताएँ?

उनको गाने का बहुत शौक है। उसे एक से एक पुराने पहाड़ी गाने याद हैं। एक वीडियो में उन्हें 62,000 से ज्यादा व्यूज मिले हैं और उसे लोगों ने 1000 से ज्यादा बार शेयर किया है। उसने “भिठौली” पर गाना गाया था। उनको भी कभी ऐसा माहौल या मंच नहीं मिला।

आपके वीडियोस मुख्यतः किस विषय पर आधारित होते हैं?

पहला – महिला सशक्तिकरण। क्योंकि मैंने बचपन से यह महसूस किया है कि हमारे पहाड़ों में सबसे ज्यादा संघर्ष अगर किसी ने किया है तो वह महिलाओं ने। जैसे कोई औरत बांज के पेड़ से गिर गई और अपाहिज हो गयी। इंसान लड़के पैदा करने के लिए लड़कियों को पेट में ही मार देता है। हालांकि पहाड़ी लोग मारते नहीं है। लेकिन हमारे पहाड़ों में भी लड़कों की चाह में लड़कियों की बेकद्री भी हो जाती है। हमारे पहाड़ों में औरतों का बहुत दूर ससुराल होता है।

दूसरा – जो बच्चे पहाड़ों में पैदा होते हैं। उन्हें कहीं ना कहीं पता नहीं होता है कि हमें क्या करना है? साधन और अवेयरनेस के आभाव में मिसगाइड हो जाते हैं जैसे चरस पीने में, शराब पीने में। हम भी हुए हैं। कहीं ना कहीं मुझे लगता है कि इन चीजों से उभरे। मैं चाह रहा हूं कि उनकी मदद करूं।

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किस तरह की मदद?

वह बच्चे भी अपनी क्रिएटिविटी करें। वीडियोस बनाएं खासकर लड़कियाँ। मैं चाहता हूं कि कोई भी बच्चा हमारे पहाड़ से एक्टिंग करना चाहता है तो मैं उसको पैसे भी देने के लिए तैयार हूं। उसको कोई भी साधन देना हो तो मैं उसके पास भी पहुंच जाऊंगा। बस उसके अंदर कुछ करने का जुनून हो, टैलेंट हो। उसको भी मैं अपने चैनल के माध्यम से प्रमोट करूं।

आज आप हमारी पहाड़ी संस्कृति को कहां पर देखते हैं?

मुझे दुख होता है क्योंकि जितना भी रह गया है हम लोगों का एक यूट्यूब या फेसबुक में दिखाने को रह गया। दिल से पहाड़ी के लिए कोई नहीं कर रहा है। ठीक है आप वेस्टर्न भी हो। आप उनसे अंग्रेजी या हिंदी भी बोलो लेकिन आपके बच्चों को पहाड़ी भी आनी चाहिए। दुख की बात है कि हमारे बच्चे पहाड़ी के यूट्यूब वीडियोस नहीं देख रहे हैं। जब हम घर में पहाड़ी में बोलेंगे तभी वे पहाड़ी कॉमेडी को समझ पाएंगे। पहाड़ी घरों में यूज़ नहीं हो रही है और यहीं से संस्कृति का जन्म होता है। शादियों को पंडित जी द्वारा पूरे विधि-विधान से कराने दो। हर शादी में हमारे पुराने गिद्दार को कोई सुनता ही नहीं है। सभी को अपनी पहाड़ी संस्कृति को साथ लेकर चलना चाहिए।

किसी फैन से कोई यादगार मुलाकात?

फैन तो बहुत मिलते हैं पर एक छोटी बच्ची ने जब मुझे देखा तो वो एकदम से चहक गई। बोली आप शेखर जोशी जी हो। एक हॉस्पिटल में भी एक नर्स देख कर चौक गई और बोली कि मैं तो आपकी बहुत बड़ी फैन हूं। तो यह देख कर बहुत अच्छा लगता है। कोई बुजुर्ग भी पहचान लेते हैं। बोलते हैं कि क्या आपको कहीं देखा है? और कई लोगों को मैं चिड़ा भी देता हूं कि आप गलत हो। मैं वह नहीं हूं।

सब आपके फैन हैं, आप किनके फैन हैं?

करण लोहनी, पवन पहाड़ी, गणेश भट्ट, अमित भट्ट, दीपक पानू, सुनील ग्रोवर का। किशोर कुमार, कुमार सानू के गाने बहुत अच्छे लगते हैं। पप्पू कार्की जी, ललित मोहन जोशी जी और पहाड़ी मन का।

पहाड़ी खाने में क्या पसंद है?

झोली-भात, जौला और पहाड़ी कद्दू।

फ़ैन्स के लिए कोई संदेश?

हमारे पहाड़ी लोग इतने अच्छे हैं कि वीडियो अगर अच्छी नहीं भी है तो भी वीडियो को बुरा बिल्कुल नहीं बोलते हैं। वह सब देखते हैं। मुझे बड़ा प्राउड फील होता है इस चीज का। आप ज्यादा से ज्यादा मेरी वीडियो देखें। शेयर करें। अपने कमेंट भी दें। यह न सोचे कि मुझको बुरा लगेगा। कहीं पर कोई टेक्निकल मिस्टेक है। या मेरा कोई करैक्टर ज्यादा बोल रहा है, बोरियत हो रही है। कोई पुराना लुप्त होता ट्रेडिशन हो तो जरूर बताएं। जिससे कि आगे आने वाले वीडियोस और अच्छे आएंगे।

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