समाचार सच, हल्द्वानी। बिहार में चमकी बुखार से डेढ़ सौ से भी ज्यादा मौतों के बाद उत्तराखंड भी अब सचेत हो गया है। स्वास्थ्य महकमे को अलर्ट कर दिया गया है।
प्रदेश के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हालांकि उत्तराखंड में अभी कहीं भी कोई मामला चमकी फीवर से जुड़ा हुआ नहीं पाया गया है फिर भी एहतियातन कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने दिशा-निर्देश देते हुए स्वास्थ्य महकमे को इसके लिए ज़रूरी सभी दवाइयों की व्यवस्था करने के साथ ही सतर्क रहने को कहा गया है।
आपको यहां बताते कि दरअसल विशेषज्ञ यह मान रहे हैं कि उत्तराखंड में भी चमकी का ख़तरा मौजूद है क्योंकि देहरादून, रामनगर में भी लीची का अच्छा-खासा उत्पादन होता है। राज्य के स्वास्थ्य महानिदेशक रहे बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर डीएस रावत ने बताया कि राज्य में चमकी बुखार की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। डॉक्टर रावत ने सलाह दी थी कि परिवार में बड़े ख़ासतौर पर यह ध्यान रखें कि धूप में खेलने के बाद बच्चे खाली पेट न सोएं. ऐसा बिल्कुल न हो कि बच्चे दिनभर लीची ही खाएं। शाम को तो बच्चों को पेटभर खाना खिलाना ही चाहिए।
बीते दिवस स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर यूपी के पांच जनपदों और नेपाल की सीमा से सटे ऊधम सिंह नगर ज़िले में अलर्ट जारी कर दिया गया था। ऊधम सिंह नगर जिले की सीएमओ ने इस बीमारी से बचाव के लिए सूअर और घोड़े से लोगों को दूर रहने के निर्देश भी जारी किए हैं। सीएमओ शैलजा भट्ट के अनुसार यह बिमारी सूअर और घोड़ों से भी फैलती है।
(साभार: न्यूज़ 18)
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