समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। झाड़ू से घर और बाहर की सफाई करते हैं। झाड़ू को लेकर भारतीय संस्कृति और परंपरा में कई तरह की मान्यताऐं प्रचलित है। जैसे संध्याकाल और रात्रि में झाड़ू लगाने की मनाही है। झाड़ू को कभी पैर नहीं लगाना चाहिए। इसी तरह झाड़ी से जुड़ी कई धारणाएं प्रचलित हैं। उनमें से एक यह भी है कि झाडू को उचित दिशा में और उचित तरीके से रखना चाहिए।
- संध्याकाल में और रात्रि में झाडू लगाना अशुभ माना जाता है। इसके पीछे मान्यता है कि इससे श्री अर्थात् सम्पन्नता चली जाती है। हालांकि इसके पीछे और भी कई कारण बताए जाते हैं।
- मान्यता है कि जिस घर में झाडू का अपमान होता है वहां धन हानि होती है क्योंकि झाड़ू में धन की देवी लक्ष्मी का वास होता है।
- झाड़ू को घर के बाहर या छत पर नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से चोरी और वारदात की शंका बढ़ जाती है। झाड़ू को किचन या ईशान दिशा में नहीं रखना चाहिए।
- झाड़ू को हमेशा छिपाकर रखना चाहिए। ऐसी जगह रखना चाहिए जहां से हमें या बाहर के किसी सदस्य को यह दिखाई न दें। उसी तरह जिस तरह की हम तिजोरी में रुपए रखते हैं।
- किसी को भी झाड़ू से मारकर नहीं भगाना चाहिए। जैसे गौ माता, कुत्ता या अन्य कोई पशु।
- झाड़ू को दरवाजे के पीछे छुपाकर रखते हैं या वास्तु शास्त्र के अनुसार झाड़ू रखने के लिए घर की दक्षिण-पश्घ्चिम दिया या पश्चिम दिशा का चुनाव करना चाहिए।
- झाड़ू को कभी भी खड़ी नहीं रखना चाहिए। झाड़ू को भूमि पर लिटाकर ही रखना चाहिए। खड़ी रखने से घर में दरिद्रता का वास हो जाता है।
- घर से बाहर किसी कार्य के लिए जाते समय झाड़ू पर पैर नहीं लगना चाहिए। यह अपशकुन माना जाता है और कार्य के सफल होने में संदेह रहता है।
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