ऐसा क्या हुआ कि वन मंत्री हरक सिंह रावत दो अधिकारियों से हो गये खफा…

खबर शेयर करें

समाचार सच, देहरादून। ऐसा क्या हो गया कि उत्तराखंड सरकार में वन मंत्री हरक सिंह रावत दो अधिकारियों से खफा हो गये हैं, और दो दिन के भीतर दो बड़े अधिकारियों के खिलाफ हल्ला बोलकर उत्तराखंड में अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए है। उनका आरोप है कि किस तरह उत्तराखंड में अधिकारी मनमानी कर रहे है।

इधर इस मामले में वन मंत्री डॉ0 हरक सिंह रावत ने प्रमुख सचिव कार्मिक को पत्र भेजकर नाराजगी जताई है। पत्र में श्री रावत का कहना है कि विभागाध्यक्षों की विदेश यात्रा की अनुमति के लिए फाइल सीधे मुख्यमंत्री को भेजकर सूबे में गलत परंपरा शुरू कर दी है। उनका पत्र में यह भी कहना है कि कार्मिक विभाग को पीसीसीएफ जयराज के विदेश दौरे की फाइल पहले उनके पास भेजनी चाहिए थी। जहां से वह सीएम के पास जाती, पर कार्मिक ने सीधे तौर पर उनको बाइपास किया। जो नियम के विरूद्ध है।
उनका यह भी कहना है कि उत्तराखंड के जंगल धधक रहे हैं और वन विभाग के प्रमुख संरक्षक जयराज विदेश में मौज मस्ती के लिये उनसे बिना पूछे विदेश यात्रा के लिए अनुमति दे दी गयी।

यह भी पढ़ें -   २३ दिसम्बर २०२४ सोमवार का पंचांग, जानिए राशिफल में आज का दिन कैसा रहेगा आपका…

इधर यह मामला सुलझा नहीं था दूसरी ओर हरक सिंह रावत ने अपर मुख्यसचिव ओम प्रकाश के खिलाफ लाल ढांग चिल्लरखाल मोटर मार्ग के निर्माण के रोके जाने के आदेश के बाद हल्ला बोल दिया है। उनका कहना कि नेशनल टाइगर ऑथारटी के द्वारा लालढांग चिल्लरखाल मार्ग के पास बफर जोन का संज्ञान लिये जाने के बाद मोटर मार्ग के निर्माण के आदेश पर रोक लगना गलत है और इसके लिए उन्होंने अपर मुख्यसचिव ओम प्रकाश को फोन कर सवाल किया है जो जनता का पैसा मार्ग पर खर्च हो चुका है उसकी भरपाई कौन करेगा।
डॉ0 रावत का कहना कि कुछ लोग ये सोच रहे हैं कि हरक सिंह रावत अपने लिए इस सड़क की लड़ाई लड़ रहे है, लेकिन वह साफ है, वह जनता के लिए इस सड़क की लड़ाई को लड़ रहे। जिससे कई जिलों के लोगों को इससे फायदा होगा। हरक सिंह रावत का कहना कि कुछ लोग इसलिए सड़क के काम में बाधा डालने चाहते है कि जो लोग इसी सड़क से गुजरेंगे वह सड़क से गुजरते हुए हरक सिंह का नाम लेंगे, इसलिए कुछ लोग षड़यंत्र के तहत ऐसा कर रहे है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि लालढांग चिल्लरखाल मार्ग के निमार्ण कार्य को रोका जाता है तो वह 100 बार मंत्री पद से इस्तीफा देने को तैयार हैं और सड़क का कार्य पूरा न होने तक आमरण अनशन से लेकर जेल जाने को तैयार हैं।

सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -

👉 हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

👉 फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ लाइक करें

👉 यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करें

हमसे संपर्क करने/विज्ञापन देने हेतु संपर्क करें - +91 70170 85440