5 जुलाई को आषाढ़ मास की हलहारिणी अमावस्या, क्या करें 12 राशियों वाले

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समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। शुक्रवार, 5 जुलाई को आषाढ़ मास की अमावस्या है। इसे हलहारिणी अमावस्या कहते हैं। इस दिन दान-पुण्य, नदी स्नान और पूजा-पाठ करने का विशेष महत्व है। अमावस्या की दोपहर में पितरों के लिए धूप-ध्यान किया जाता है।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, अमावस्या पर राशि अनुसार पूजा-पाठ करने से कुंडली के ग्रह दोष शांत हो सकते हैं। जानिए आषाढ़ मास की अमावस्या पर कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं…

मेष और वृश्चिक राशि –
इन दोनों राशियों का स्वामी मंगल है। मंगल की पूजा शिवलिंग रूप में की जाती है। इसलिए ये लोग शिवलिंग पर जल, दूध चढ़ाएं। बिल्व पत्र अर्पित करें। लाल गुलाल और लाल फूल चढ़ाएं। मंगल ग्रह के मंत्र ऊँ अं अंगारकाय नमः मंत्र का जप करें।

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वृष और तुला राशि –
इन दो राशियों का स्वामी ग्रह शुक्र है। शुक्र ग्रह की पूजा शिवलिंग रूप में ही होती है। इसलिए ये लोग शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं। बिल्व पत्र, धतूरा और सफेद फूल चढ़ाएं। दूध से बनी मिठाई शिव जी को अर्पित करें। ऊँ शुक्राय नमः मंत्र का जप करें।

मिथुन और कन्या राशि –
इन राशियों का स्वामी ग्रह बुध है। बुध ग्रह की पूजा में ‘ऊँ बुधाय नमः’ मंत्र का जप करें। इस ग्रह के लिए हरे मूंग का दान करें। बुध ग्रह के दोष दूर करने के लिए गणेश जी की पूजा भी कर सकते हैं।

कर्क राशि
ये लोग शिवलिंग के साथ चंद्र देव की पूजा करें। जल, दूध और पंचामृत से अभिषेक करें। चंद्र के लिए दूध का दान करें। ऊँ सों सोमाय नम: मंत्र का जप करें।

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सिंह राशि
सूर्य देव इस राशि के स्वामी हैं। इन लोगों को सुबह जल्दी उठना चाहिए और स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य चढ़ाकर दिन की शुरुआत करनी चाहिए। सूर्य को जल चढ़ाते समय ऊँ सूर्याय नमरू मंत्र का जप करना चाहिए।

धनु और मीन राशि –
इन दो राशियों का स्वामी गुरु ग्रह है। इस ग्रह की पूजा शिवलिंग रूप में ही की जाती है। ये लोग शिवलिंग पर केसर मिश्रित जल चढ़ाएं। पीले फूलों से शिवलिंग का श्रृंगार करें। ऊँ गुरुवे नमः मंत्र का जप करें।

मकर और कुंभ राशि –
ये दोनों राशियां शनि ग्रह के स्वामित्व वाली हैं। इन लोगों को अमावस्या पर शनिदेव की विशेष पूजा करनी चाहिए। शनिदेव का तेल से अभिषेक करें। ऊँ शं शनैश्चराय नमरू मंत्र का जप करें। तेल का दान करें।

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