समाचार सच, हल्द्वानी। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बयान “सैन्य धाम में दिखे उत्तराखण्ड की झलक” पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री सैन्य धाम की बात करते हैं, दूसरी तरफ धामी सरकार शहीदों के आश्रतों को उनके अधिकार से वंचित करने के पर आमादा है।
बल्यूटिया ने कहा कि सैनिक व अर्ध सैनिक शहीदों के परिवारजनों की भावनाओं को कुचल कर भाजपा ईटें, गारे के चुनावी सैन्य धाम की तैयारी में जुटी है।
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि धामी सरकार ने शहीद सैनिकों एवं अर्धसैनिकों के परिवारों व आश्रितों को मिलने वाली 10 लाख रुपये की अनुदान अनुग्रह राशि में पहले रोक लगाई जिसे शहीद सैनिकों की वीर नारियों एवं उनके परिवारजनों ने उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड में चुनौती दी जिसमें उच्च न्यायालय शहीदों के पक्ष में फैसला दिया जो धामी सरकार को रास नहीं आया। धामी सरकार ने उच्च न्यायालय के फैसले को डबल बेंच में चुनौती दी जिसमें डबल बेंच ने भी पूर्व निर्णय को शहीदों के परिवारजनों के पक्ष में यथावत् रखा। शहीदों के अधिकार छिनने पर आमादा धामी सरकार ने बिना कोई कसर छोड़े शहीदों के परिवारजनों को मिलने वाली 10 लाख अनुदान अनुग्रह राशि नहीं देने की मनसा से मा० सर्वाेच न्यायालय में विशेष अनुज्ञा याचिका दायर की है जो वर्तमान में लंबित है।
बल्यूटिया ने कहा कि इससे साफ पता चलता है कि सैन्य धाम भाजपा सरकार के सिर्फ और सिर्फ़ चुनाव साधने का शिगूफा भर है। सैनिकों व शहीदों के परिवारजनों से सरकार को कोई हमदर्दी नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार सही मायने में सैनिक परिवारों के कल्याण की बात करती है तो सबसे पहले मा० सर्वाेच न्यायालय में सहीद सैनिक व अर्धसैनिक परिवारों को मिलने वाले 10 लाख रुपये के अधिकार में रोक लगाने हेतु दायर विशेष अनुज्ञा याचिका को वापस ले और शहीदों के परिवारजनों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दे।
Which military base is the Dhami government talking about taking away the rights of the heroines: Balutia


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