विश्व कल्याणार्थ व भारत की समृद्धि व ख़ुशहाली के लिए आयोजित है श्री हरि चैतन्य महाप्रभु का विराट धर्म सम्मेलन

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-सच्चे हृदय की पुकार परमात्मा अवश्य सुनते हैं : श्री हरि चैतन्य महाप्रभु
-श्री महाराज जी के पावन प्राकट्योत्सव के उपलक्ष्य में गढीनेगी में निकाली गई विशाल व भव्य शोभायात्रा
-विशाल मंगल कलश यात्रा में अभूतपूर्व जन सैलाब उमड़ा
-“कामा की कन्हैया”व “लाठी वाले भैया “ की जय जय कार से सारा वातावरण गुंजायमान हो उठा

समाचार सच, काशीपुर (गढीनेगीं)। प्रेमावतार युगद्रष्टा श्री हरि कृपा पीठाधीश्वर एवं भारत के महान सुप्रसिद्ध युवा संत श्री श्री 1008 स्वामी हरि चैतन्य पुरी जी महाराज का मंगलवार को यहाँ पहुँचने पर पूर्ण धार्मिक रीति से पुष्प मालाएँ पहनाकर, आरती उतारकर, पुष्प वृष्टि करके “श्री गुरु महाराज”, “कामां के कन्हैया” व “लाठी वाले भैया” की जय जयकार के साथ भव्य व अभूतपूर्व स्वागत किया तथा नगर में विशाल कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें 1008 सौभाग्यवती महिलाएँ विशेष परिधानों में सज संवरकर सुंदर सजे हुए कलश उठाकर चल रही थी। कलश यात्रा के अलावा भजन, कीर्तन तथा महाराज जी के दिव्य प्रवचन भी हुए। कलश यात्रा में क्षेत्रीय व देश विदेशों से आए हज़ारों की संख्या में भक्तों ने भाग लेकर बड़ी ही श्रद्धा और उल्लास पूर्वक फूल मालाएँ पहनाकर व पुष्प वृष्टि करके “श्री गुरु महाराज, कांमा के कन्हैया व लाठी वाले भैया” की जय जयकार के साथ पूरे नगर को गुंजायमान कर दिया।

अपनी दिव्य व ओजस्वी प्रवचनों में उन्होंने कहा कि परमात्मा, सन्त, शास्त्र या परमात्मा की विभूतियाँ सूर्य, चंद्र, बादल, नदियाँ, वायु इत्यादि कोई भेदभाव नहीं करते, जो चाहे इनसे समान रूप से लाभ उठा सकता है। फिर हम क्यों आपस में मतभेद करते हैं। हम सभी उस एक ही परमात्मा (जिन्हें विभिन्न नामों से या प्रतीकों से लोग अपनी अपनी भावना अनुसार पुकारते हैं) की संतानें हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे इस पवित्र भारत देश में अनाचार, अत्याचार, भ्रष्टाचार, घृणा व विद्वेष का वातावरण बनता जा रहा है। अधिक से अधिक भौतिक सुविधा प्राप्त करना लोगों ने जीवन का परम लक्ष्य बना लिया है। धर्म व अध्यात्म या परमात्मा की शरण ही हमें इस स्थिति से उबार सकती है। अनेकानेक प्रयास करने के बावजूद भी व्यक्ति यदि जीवन में वांछित सुधार न कर पाए तो प्रयास कर प्रभु से कृपा के लिए प्रार्थना करें। सच्चे हृदय की पुकार परमात्मा अवश्य सुनते हैं। सुपात्र बने, महानता के कार्य करें। स्वयं को महान ना समझे, आत्म कृपा के अभाव में अन्यान्य को भी निष्फल न करें, जैसे प्रभु कृपा , गुरूकृपा व शास्त्र कृपा आदि। स्वयं जागो और औरों को जगाओ। अपने कल्याण के साथ औरों के कल्याण के भी भागीदार बनो। उठो। जागो। कठिनाईयों, बाधाओं व परीक्षाओं से न घबराकर निरंतर तब तक चलते रहो जब तक कि तुम्हें तुम्हारा लक्ष्य प्राप्त न हो जाए। लक्ष्य विहीन मानव का जीवन घड़ी के पेंडुलम की भाँति है जो हिलता डुलता है परंतु एक क़दम भी आगे नहीं बढ़ता है। ईश्वर व परमात्मा को सदैव याद रखो। असत्य से सत्य की ओर, अंधकार से प्रकाश की ओर तथा मृत्यु से अमृत्व की ओर आगे बढ़ें। इस दौरान महाराज श्री के दिव्य प्रवचनों को सुनकर सभी भक्तजन मंत्र मुग्ध व भाव विभोर हो गए। सारा वातावरण भक्तिमय हो उठा व श्री गुरु महाराज की जय जयकार से गूंज उठा ।

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कलश यात्रा श्री हरिकृपा धाम आश्रम से प्रारंभ हुई व बज़ार से होती हुई वापिस श्री हरिकृपा धाम आश्रम में पहुँची। कलश यात्रा का नज़ारा देखने लायक था। बैंड, ढोल, बाजे भक्तों द्वारा गाए गए महाराज जी की महिमा के भजन, कीर्तन बजाये गये। वाद्य, यंत्रों, शंख घंटों की ध्वनि से पूरा नगर गुंजायमान हो गया।
कलश यात्रा में घोड़ों की आकर्षक ढंग से सजी हुई सुंदर बग्गी पर महाराज जी शोभायमान थे। कलश यात्रा में आकर्षक ढंग से सुंदर सजे हुए मंगल कलश लेकर सौभाग्यवती स्त्रियाँ “हरि बोल” तथा “कांमा के कन्हैया” व “लाठी वाले भैया “की जय जयकार बोलते हुए आगे चल रही थी। कलश यात्रा में हर धर्म की स्त्री, पुरुष, वृद्ध व बच्चे बड़े ही उत्साह पूर्वक मंगल गीत गाते हुए एवं बड़े ही जोश से नृत्य करते चल रहे थे। नगर में बड़ी संख्या में तोरण द्वार सजाए गए तथा प्रसाद व जलपान की व्यवस्था भी की गई थी। कलश यात्रा में सैकड़ों बसें, स्कूटरों, मोटरसाइकिलों, कारो, मेटाडोरों का भी विशाल काफ़िला साथ चल रहा था। संपूर्ण कार्यक्रम के दौरान मौसम ने भी सुहावना बनकर ख़ुशी का इज़हार किया। कलश यात्रा में प्रशासन की ओर से क़ानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस की व्यवस्था चाक चौबंदा रही।

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इधर महाराज श्री के दिव्य भी प्रवचनों को सुनने के लिए इस बीच यहाँ जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र ,पंजाब, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक व उत्तरांचल के विभिन्न भागों से हज़ारों लोग पहुँच चुके हैं। देश भर के विभिन्न प्रमुख राजनेताओं, सन्तों, अधिकारियों व करोड़ों भक्तों के बधाई संदेश इस अवसर पर प्राप्त हो रहे हैं।

आयोजकों ने बताया कि आज प्रातः 9 बजे ‘अखण्ड मानस पाठ‘ प्रारंभ किया गया। बुधवार 12 जून को कल (आज) प्रातः ‘अखण्ड मानस पाठ’ का पारायण किया जाएगा। प्रातः 9 बजे से 1 बजे तक महाराज श्री के दिव्य प्रवचन होंगे। सम्पूर्ण कार्यक्रम का सीधा प्रसारण साधना चैनल, यूट्यूब व फ़ेसबुक व अन्य चैनलों पर होगा।

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