समाचार सच, देहरादून। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायतों के कार्यकाल समाप्त होने के बाद अब इन्हें प्रशासकों के हवाले कर दिया गया है। वहीं, नगर निकाय चुनाव को लेकर सरकार ने 25 दिसंबर तक चुनाव संपन्न कराने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही पंचायत चुनाव के लिए सरकार को छह महीने का समय मिल गया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने दोनों चुनावों की तैयारियों को लगभग अंतिम रूप दे दिया है।
हरिद्वार जिले को छोड़ प्रदेश के 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। नगर निकाय चुनाव के साथ ही पंचायत चुनाव की चर्चा भी तेज हो गई है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि दिसंबर में नगर निकाय चुनाव होंगे।
ओबीसी आरक्षण पर निर्णय की प्रतीक्षा
शहरी विकास विभाग ने ओबीसी आरक्षण संबंधी अध्यादेश को राजभवन की मंजूरी के लिए भेजा है। संभावना है कि इस हफ्ते यह मंजूरी मिल जाएगी। इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मंजूरी से आरक्षण नियमावली को लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद जिलाधिकारियों के माध्यम से आरक्षण प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करेगा।
इस साल चुनाव जरूरी, अन्यथा अगले साल तक इंतजार
यदि चुनाव इस साल नहीं होते हैं तो मतदाता सूची को 1 जनवरी 2025 के आधार पर अद्यतन करना होगा। इस प्रक्रिया में एक महीने का समय लगेगा। फरवरी-मार्च में बोर्ड परीक्षाओं के कारण चुनाव कराना संभव नहीं होगा। इसलिए सरकार और निर्वाचन आयोग दिसंबर में ही चुनाव कराने पर जोर दे रहे हैं। आयोग के सचिव राहुल कुमार गोयल ने बताया कि प्रदेश के 102 नगर निकायों के लिए वोटर लिस्ट और अन्य चुनावी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। शासन से आरक्षण प्राप्त होते ही अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
चुनाव कार्यक्रम एक सप्ताह में
आयोग को आरक्षण की मंजूरी मिलने के बाद एक हफ्ते के भीतर अधिसूचना जारी की जाएगी और 25 से 30 दिनों के भीतर चुनाव संपन्न कराए जाएंगे।
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