काली किशमिश में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे आवश्यक मिनरल भी पाए जाते हैं

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समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। विभिन्न आकार और रंगों वाली किशमिश स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है। किशमिश मूल रूप से सूखे अंगूर हैं जिन्हें संग्रहीत किया जा सकता है। खासकर काली किशमिश स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। काली किशमिश का प्रयोग विशेष रूप से मिठाई में की जाती है। इसे संरक्षित किया जा सकता है और लंबे समय तक उपयोग किया जा सकता है! उच्च पोषण सामग्री के साथ, वे कई औषधीय गुणों और स्वास्थ्य लाभों वाली होती है। किशमिश प्राकृतिक रूप से कई शक्तिशाली प्लांट कंपाउंड के समृद्ध स्रोत हैं, जो त्वचा, बालों और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

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पोषक तत्वों से भरपूर है काली किशमिश 100 ग्राम काली किशमिश में 299 कैलोरी होती है। इसमें 3.3 ग्राम प्रोटीन, 79.3 ग्राम कार्बाेहाइड्रेट और 4.5 ग्राम आहार फाइबर होता है। इसमें वसा की मात्रा कम होती है। इसमें नेचुरल शुगर होता है। इसमें 30.5 ग्राम ग्लूकोज और 34.7 ग्राम फ्रुक्टोज होता है। काली किशमिश में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे आवश्यक मिनरल भी उचित मात्रा में होते हैं। इनमें सोडियम की मात्रा कम होती है। थोड़ी मात्रा में विटामिन सी और नियासिन होता है।

यहां हैं काली किशमिश के स्वास्थय लाभ

ब्लड प्यूरीफाई करता है
बेदाग़ त्वचा ऐसी चीज़ है, जो हर कोई चाहता है। अक्सर हमारे लिए ब्लड को विषाक्त पदार्थों, अपशिष्ट पदार्थों और कई अन्य अशुद्धियों से मुक्त रखना कठिन हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप चेहरे की त्वचा शुष्क और एक्ने- पिम्पल्स से भर जाती है। काली किशमिश प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट का उत्कृष्ट स्रोत होने के कारण यह लीवर और किडनी के कार्यों को तेज करता है। इसके अलावा, यह हमारे शरीर से हानिकारक फ्री रेडिकल्स को खत्म करते हैं। इसे पूरी तरह से डिटॉक्सीफाई करते हैं। ये सभी साफ़ त्वचा पाने में मददगार हैं।

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एंटी एजिंग गुण
काली किशमिश में एंटीऑक्सीडेंट के साथ-साथ आवश्यक फाइटोकेमिकल्स भी भरपूर मात्रा में होती है। ये दोनों यौगिक त्वचा कोशिकाओं को लंबे समय तक सूरज के संपर्क में रहने, अत्यधिक प्रदूषण आदि से होने वाली संभावित क्षति से बचाने में सक्षम हैं। ये मुक्त कणों से मुकाबला करके त्वचा कोशिकाओं के डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (डीएनए) के विघटन को रोक सकते हैं। हमारी प्रतिरक्षा बढ़ जाती है। मसल्स फाइबर की लोच काफी हद तक बढ़ जाती है। नतीजतन समय से पहले बूढ़ा होने से प्रभावी ढंग से बच सकती हैं। काली किशमिश आयरन से भरपूर होती है, जो बालों को मजबूती देती है। परिसंचरण तंत्र को आयरन सही कर सकती है।

खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करे
काली किशमिश में कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है। यह हमारे शरीर में पाए जाने वाले कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल) या खराब कोलेस्ट्रॉल के प्रतिकूल प्रभावों को रोकने में मदद करता है। काली किशमिश में बहुत सारा घुलनशील फाइबर होता है, जो मूल रूप से कोलेस्ट्रॉल-विरोधी यौगिक है। काली किशमिश में बहुत सारा घुलनशील फाइबर होता है, जो मूल रूप से कोलेस्ट्रॉल-विरोधी यौगिक है। यह एलडीएल को रक्तप्रवाह से लिवर में स्थानांतरित करता है। शरीर से इसके उन्मूलन की सुविधा प्रदान करता है। काली किशमिश में मौजूद कार्बनिक एंटीऑक्सीडेंट का विशेष वर्ग पॉलीफेनोल्स, विभिन्न कोलेस्ट्रॉल-अवशोषित एंजाइमों को नियंत्रित करके हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी मदद करता है।

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एनीमिया को दूर रखता है
जिन लोगों को एनीमिया की गंभीर बीमारी है, उन्हें भी काली किशमिश खाने से काफी फायदा हो सकता है। इनमें आयरन की मात्रा कई अन्य आयरन से भरपूर फलों और सब्जियों की तुलना में कहीं अधिक मानी जाती है। आयरन लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन के लिए आवश्यक है। काली किशमिश में मौजूद आयरन अनुशंसित दैनिक मात्रा को आसानी से पूरा कर सकते हैं और एनीमिया को दूर रख सकते हैं। इसके सेवन से सांस की तकलीफ, थकान और पीली त्वचा जैसे एनीमिया के लक्षणों का इलाज करने में मदद मिल सकती है।

ब्लड प्रेशर कंट्रोल करती है
हाई ब्लड प्रेशर महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जटिलताओं का कारण बन सकता है। सुनिश्चित करें कि आप प्रतिदिन सुबह काली किशमिश का सेवन करें। इनमें पोटेशियम प्रचुर मात्रा में होता है। यह सबसे प्रभावी मिनरल है, जो हमारे शरीर में सोडियम के स्तर को काफी कम कर सकता है। सोडियम हमारे रक्तचाप को बढ़ाने का मुख्य कारण है। इसलिए गंभीर परिणामों से बचने के लिए इसे नियंत्रित रखना जरूरी है। इसलिए, हृदय रोगों से दूर रहने के लिए अपने दैनिक फलों के सेवन में काली किशमिश शामिल करें।

ऑस्टियोपोरोसिस से डील करने में मददगार
काली किशमिश में पोटैशियम के अलावा कैल्शियम भी अच्छी मात्रा में होता है। हमारी हड्डियों का सबसे महत्वपूर्ण घटक होने के नाते, कैल्शियम हमारे स्केलेटल सिस्टम के स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस खनिज की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस जैसी गंभीर हड्डी संबंधी विकार हो सकते हैं। काली किशमिश शरीर में कैल्शियम के स्तर को बढ़ा सकती है।

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