होलिका दहन के दिन भूलकर भी ना करें ये काम, हो सकता है नुकसान

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समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। होली से 8 दिन पहले लगने वाले होलाष्टक शुरू हो गए हैं, ऐसे में अब होली का त्योहार आने में कुछ ही दिन बाकी हैं। होली से एक दिन पहले यानी फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होलिका दहन किया जाता है। जबकि इसके अगले दिन चौत्र माह की प्रतिपदा तिथि को रंग वाली होली खेली जाती हैै होलिका दहन को लिए कई तरह की पौराणिक कथाएं हैै माना जाता है कि हिरण्यकश्यप का ज्येष्ठ पुत्र प्रह्लाद, भगवान विष्णु का परम भक्त था। पिता के लाख कहने के बावजूद प्रह्लाद विष्णु की भक्ति करता रहा। दैत्य पुत्र होने के बावजूद नारद मुनि की शिक्षा के कारण प्रह्लाद महान नारायण भक्त बना। असुराधिपति हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र को मारने की भी कई बार कोशिश की लेकिन भगवान नारायण खुद उसकी रक्षा करते रहे और उसका बाल भी बांका नहीं हुआ। असुर राजा की बहन होलिका को भगवान शंकर से ऐसी चादर मिली थी जिसे ओढ़ने पर अग्नि उसे जला नहीं सकती थी। होलिका उस चादर को ओढ़कर प्रह्लाद को गोद में लेकर चिता पर बैठ गई। दैवयोग से वह चादर उड़कर प्रह्लाद के ऊपर आ गई, जिससे प्रह्लाद की जान बच गई और होलिका जल गई।

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हिन्दुओं के कई अन्य पर्वों की भाँति होलिका-दहन भी बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है। होली से 8 दिन पहले से ही प्रह्लाद को बंधी बनाकर प्रताड़ित किया जाने लगा था इसलिए होली से 8 दिन पहले के समय को होलाष्टक कहा जाता है। इस दौरान सभी तरह के शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है। ज्योतिष के मुताबिक, इस दौरान ग्रहों का स्वभाव भी उग्र रहता है जिस कारण मनचाहे परिणाम नहीं मिल पाते। इसलिए इस दौरान कोई भी नया कार्य नहीं करना चाहिए।

होली के मौके पर आज हम आपको कुछ ऐसे कार्यों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें आपको होलिका दहन के दिन बिल्कुल भी नहीं करने चाहिएै आइए जानते हैं इनके बारे में-

होलिका दहन के दिन भूलकर भी ना करें ये काम –

  • होलिका दहन के दिन काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। माना जाता है कि इस दिन नकारात्मक शक्तियां ज्यादा प्रभावी होती हैं।
    -होलिका दहन के समय आपको अपना सिर खुला नहीं रखना चाहिए।
  • होलिका दहन की रात को लोग टोने-टोटके भी करते हैं इसलिए इस दिन किसी के घर पर खाना नहीं खाना चाहिए।
  • इस दिन ना तो बासी भोजन करना चाहिए और ना ही दक्षिण दिशा की ओर मुख करके बैठकर खाना चाहिए।
  • जो लोग भी पुत्र की प्राप्ति कर चुके हैं, उन्हें होलिका दहन खुद से नहीं करना चाहिए। इसे आप किसी पंडित से या किसी और से करवाएं।
    -नवविवाहित स्त्रियों को होली जलते हुए नहीं देखनी चाहिए। माना जाता है कि होलिका को जलते देखने से नवविवाहित स्त्रियों को जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
  • होलिका दहन के दिन किसी भी तरह के मादक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • होलिका दहन की रात को तंत्र की रात्रि माना जाता है। इस दिन सूनसान इलाकों में जाने से बचना चाहिए।

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