डायबिटीज मरीजों के लिए है फायदेमंद

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समाचार सच. स्वास्थ्य डेस्क। काफी पीने से डायबिटीज में फायदा होता है। रोजाना तीन-चार कप काफी पीने से डायबिटीज टाइप-2 का खतरा 25 फीसदी कम हो जाता है। यह सुझाव एक शोध के नतीजों के आधार पर दिया गया है।
काफी पीना फायदेमंद : डायबिटीज आज के समय में एक गंभीर समस्या बन चुकी है। शायद ही कोई ऐसा देश हो जहां डायबिटीज का मरीज न देखने को मिलता हो। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डायबिटीज के सबसे ज्यादा मरीज भारत में ही देखने को मिलते हैं। भारत को विश्व की डायबिटीज राजधानी के रूप में भी जाना जाता है। इस बीमारी को धीमी मौत भी कहा जाता है। यह बीमारी ऐसी है कि अगर एक बार किसी को हो गई तो जीवन भर उसका साथ नहीं छोड़ती है। इस बीमारी की सबसे डरावनी चीज है कि यह शरीर में अन्य कई बीमारियों को भी बुलावा देती है। पहले तो डायबिटीज चालीस साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों में देखने को मिलती थी। आज कल डायबिटीज बच्चों में भी देखने को मिल रही है,जो एक चिंता का विषय है। डायबिटीज क्या है जब शरीर में पैंक्रियाज में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है इस वजह से खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने लगता है। इस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है। इंसुलिन एक हार्माेन है जो पाचक ग्रंथि द्वारा बनता है। यह खाए गए खाने को एनर्जी में बदलने का काम करता है। यही शरीर में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है। डायबिटीज मरीज को शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में कठिनाई होती है। जो शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है। डायबिटीज कितने तरह का होता है डायबिटीज 2 तरह का होता है -टाइप-1 और टाइप-2। टाइप-1 डायबिटीज होने का मुख्य कारण शरीर में इंसुलिन का बनना बंद होना है। टाइप-2 की स्थिति में शरीर में इंसुलिन का जरूरत के हिसाब से निर्माण नहीं होता या इसका इस्तेमाल ठीक ढंग से नहीं हो पाता है।
डायबिटीज के लक्षण: 1. मोटे लोगों को डायबिटीज होने का ज्यादा खतरा होता है।

  1. जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत रहती है उन्हें भी डायबिटीज होने का खतरा रहता है। 3. कोलेस्ट्राल बढ़ गया है तो भी डायबिटीज होने का खतरा है।
  2. प्रेग्नेंसी के समय मां को डायबिटीज रहा हो, तो आने वाले समय में बच्चे को डायबिटीज हो सकता है। 5. अगर किसी व्यक्ति को दिल की बीमारी हो, तो ये भी डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकती है।
  3. 40 साल की उम्र से ज्यादा सभी लोगों को लाइफस्टाइल अच्छी नहीं होने की वजह से डायबिटीज का खतरा हो सकता है।
  4. ज्यादा प्यास लगना भी डायबिटीज होने का खतरा है।
  5. बार-बार पेशाब का आना डायबिटीज हो सकता है।
  6. आंखों की रोशनी कम होना भी डायबिटीज का लक्षण है।
  7. कोई भी चोट या जख्म देरी से भरता है तो ऐसे में डायबिटीज होने का खतरा है।
  8. हाथों औप पैरों में खुजली वाले जख्म होना
  9. बार-बार फोड़े-फुंसियां निकलना डायबिटीज का बड़ा खतरा डायबिटीज के मरीजों की सबसे ज्यादा हार्ट अटैक या स्ट्रोक से होती है। शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने से हार्माेनल बदलाव होता है। जिस वजह से खून की नलिकाएं और नसें दोनों पर प्रभाव पड़ता हैं। यह हार्ट अटैक आने का कारण बन सकता है। डायबिटीज का लंबे समय तक इलाज न करने पर यह आंखों की रेटिना को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे व्यक्ति हमेशा के लिए अंधा भी हो सकता है। काफी पीना है फायदेमंद आप काफी पीना पसंद करते हैं,तो यह आपके लिए अच्छी खबर है। काफी पीने से डायबिटीज में फायदा हो सकता है। रोजाना तीन-चार कप काफी पीने से डायबिटीज टाइप-2 का खतरा 25 फीसदी कम हो जाता है। डायबिटीज टाइप-2 के मामलों में काफी पीने का असर पुरुष और महिला दोनों में पाया गया है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि काफी टाइप 2 डायबिटीज के विकास के जोखिम को कम करने में मदद करता है। केवल फिल्टर वाली काफी पीना फायदेमंद है। शोधकर्ताओं ने फिल्टर काफी और उबली हुई काफी के बीच तुलना भी की। उबली हुई काफी में काफी के बींस को सीधे पानी में डालकर उबाल दिया जाता है। रिसर्च से पता चलता है कि फ़िल्टर्ड काफी टाइप 2 डायबिटीज के विकास के जोखिम को कम करने के मामले में सकारात्मक प्रभाव डालती है। लेकिन उबली हुई काफी का यह प्रभाव नहीं होता है।उबली हुई काफी दिल और संवहनी रोगों के खतरे को बढ़ाती है, क्योंकि डाइटपेन की उपस्थिति के कारण उबले हुए काफी में पाया जाने वाला एक प्रकार का अणु होता है।
    कैसे बनाई जाती है फिल्टर काफी: फिल्टर काफी बनाने के दौरान काफी बींस को एक फिल्टर में रखा जाता है और पानी को उसके ऊपर डाला जाता है। पानी कप में गिरता है। वहीं, उबली हुई काफी में पीसी हुई काफी बींस को सीधे पानी में डाल दिया जाता है।

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