समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। 31 अगस्त 2024 शनिवार के दिन त्रयोदशी यानी तेरस के दिन प्रदोष व्रत रहता है। शनिवार होने से इसे शनि त्रयोदशी कहते हैं। भाद्रपद मास के कृष्घ्ण पक्ष की त्रयोदशी का यह व्रत रखने से भगवान शिव के साथ ही शनिदेव की कृपा भी प्राप्त होगी। इस दिन यदि शनि दोष और पितृ दोष से मुक्ति के उपाय किए जाए जो तुरंत ही इसका असर होता है।
शनि दोष से मुक्ति का उपाय-
- शनि प्रदोष का व्रत रखने से शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस व्रत को रखने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव कम होता है।
- इस दिन संध्या काल में छाया दान करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है। इसके लिए एक कटोरी में सरसो का तेल लें और उसमें अपना चेहरा देखकर उसे शनि मंदिर में शनिदेव के चरणों में रख दें।
पितृदोष से मुक्ति का उपाय-
- किसी भी नदी के तट पर जाकर पितृ तर्पण करें। इसके लिए पितरों को जौ, काला तिल और एक लाल फूल डालकर दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके खास मंत्र बोलते हुए जल अर्पित करना होता है। इसके बाद छता, कंबल, चादर, चना दाल, अनाज, कंघी, चावल, साबूदाना, तिल, तेल, खिचड़ी, पुस्तक, उड़द दाल, रुई, वस्त्र, राई, साबुन, मिठाई आदि का दान करना चाहिए। गरीब या किसी ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए।
- इस दिन शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसो के तेल का दीपक लगाएं और अपने पितरों का स्मरण करें। पीपल की 7 परिक्रमा लगाएं और पीपल देव की विधिवत पूजा करें। इसे न केवल पितृ प्रसन्न होंगे बल्की माता लक्ष्मी का आशीर्वाद भी मिलेगा।
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