समाचार सच, देहरादून/कोटद्वार। उत्तराखण्ड में भारी बारिश के बाद कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। जिससे कोटद्वार में मालन नदी रौद्र रूप दिखायी दे रही है। गुरूवार की सुबह यहां मालन नदी पर बना पुल बह गया है। जिससे दो दर्जन से अधिक गांवों का संपर्क कोटद्वार शहर से कट गया है। सूचना के बाद पुल को देखने के लिए भारी भीड़ जमा हो गई है। सूचना के बाद पुलिस ओर प्रशासन के अधिकारी मौके में पहुंच स्थिति का जायजा लिया।
जानकारी अनुसार गुरूवार की सुबह जब कुछ लोग पुल के ऊपर टहल रहे थे, तभी अचानक तेज बहाव आने से पुल का बीच का हिस्सा धड़ाम से नदी में समा गया। इस घटना से वहां मौजूद लोगों में हड़कंप मचा। बताया जा रहा है कि इस हादसे में 3 लोग बाल-बाल बहने से बच गये हैं।
आपको बता दें कि उक्त पुल का निर्माण 2010 में लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाया गया था। इसकी गुणवत्ता को लेकर उस समय भी लोगों ने कई सवाल खड़े किए थे लेकिन शासन प्रशासन द्वारा इसकी गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। पुल ध्वस्त होने से कोटद्वार भाबर का संपर्क पूर्ण रूप से कट गया है, वहीं मालन पार किशनपुरी में तमाम फैक्ट्रियां और ग्रोथ सेंटर सिग्गड्डी में कई कंपनियां है जिनमे हजारों युवक एव युवतियां कार्य करते हैं और यह सब वहां पर फंस गये हैं।
क्षेत्र के लोगों का कहना है कि अगर जल्द ही शासन प्रशासन द्वारा कोई व्यवस्था नहीं बनाई गई। तो इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों के सम्मुख रोजी रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा।
इधर कोटद्वार से पहले उत्तरकाशी जिले के सीमांत ब्लॉक मोरी में भी बारिश से नुकसान हुआ है। यहां जखोल लिवाड़ी मोटर मार्ग के खेड़ा घाटी में जो वैकल्पिक मोटर पुल था पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण बह गया. इस पुल पर फिताड़ी, रेकच्चा, हरिपुर, कासला, राला और लिवाड़ी गांव के लोग निर्भर हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन के द्वारा अभी तक कोई अन्य व्यवस्था नहीं की गई। जिस कारण ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डाल कर नदी पार कर रहे हैं।


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