समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। इस वर्ष गुरुवार, 7 अक्टूबर 2021 को आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि का आरंभ हुआ था। इन नौ दिनों तक मां देवी दुर्गा की आराधना की गयी। इन दिनों देवी के नौ स्वरूपों का पूजन-अर्चन किया गया। 14 अक्टूबर गुरूवार को नवरात्रि पर्व का समापन हुआ। कल शुक्रवार को दशहरा यानी विजयादशमी पर्व मनाया जाएगा।
पुरातन काल से ही आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी को विजयादशमी का उत्सव मनाए जाने की परंपरा है। जब भगवान राम ने इसी दिन दशानन रावण का वध कर दिया तो इस दिन को दशहरा कहा जाने लगा। विजयादशमी का यह पर्व असत्य पर सत्य की जीत का पर्व है। इसी दिन प्रभु श्रीराम ने लंकाधिपति रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त की थी।
यहां जानिए शुभ मुहूर्त एवं खास बातें- -विजयादशमी/ दशहरा पर्व विजय का प्रतीक है। इस दिन रावण दहन भी किया जाता है, जो बुराई एवं अहंकार का प्रतीक है।
-विजयादशमी के दिन शस्त्र पूजन और शमी वृक्ष के पूजन करने का विशेष महत्व होता है।
-दशहरे के दिन पीले रंग फूलों से भगवान का पूजन करना उनके प्रति समर्पण का प्रतीक माना जाता है। माना जाता है कि गेंदे की गंध सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों को दूर करके तनाव को कम करती है।
-दशहरे के दिन रावण दहन के पश्चात घर लौटते समय शमी के पत्ते खरीदकर घर के बड़े-बुजुर्गों और रिश्तेदारों के पांव छूकर उन्हें शमी पत्ते देकर दशहरे की बधाई दी जाती है और उनसे विजयश्री का आशीष लिया जाता है।
दशहरा 2021 शुभ मुहूर्त-
अश्विन मास शुक्ल पक्ष दशमी तिथि का आरंभ गुरुवार, 14 अक्टूबर 2021 को शाम 6.52 मिनट से हो रहा है तथा शुक्रवार, 15 अक्टूबर 2021 शाम 06.02 मिनट पर दशमी तिथि समाप्त होगी। शुक्रवार, 15 अक्टूबर को पूजन का समय- दोपहर 02.02 मिनट से लेकर 2.48 मिनट तक रहेगा।
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