विटामिन डी की कमी आजकल बहुत आम समस्या बन गई है, खासकर शहरी जीवनशैली, कम धूप में रहना और पोषण की कमी के कारण। यह हड्डियों की कमजोरी, थकान, डिप्रेशन, इम्यून सिस्टम की कमजोरी और मांसपेशियों के दर्द जैसी समस्याओं का कारण बन सकती है।


प्राकृतिक धूप लें
विटामिन डी का सबसे सस्ता और असरदार स्रोत धूप है। सुबह 8 से 11 बजे तक की 15.30 मिनट की धूप शरीर के लिए पर्याप्त हो सकती है। कोशिश करें कि आपकी त्वचा सीधी धूप में आए कृ जैसे हाथ, चेहरा, पैर आदि।
विटामिन डी युक्त आहार खाएं
फोर्टिफाइड दूध और दही बाजार में मिलने वाला विटामिन क् युक्त, अंडे की ज़र्दी अच्छा स्रोत, मशरूम, फिश (सैल्मन, टूना, सार्डिन) नॉन-वेज में सबसे अच्छा स्रोत फोर्टिफाइड अनाज और ओट्स ब्रेकफास्ट में काम आता है।
विटामिन डी सप्लीमेंट्स
अगर कमी गंभीर है, तो डॉक्टर विटामिन डी3 सप्लीमेंट या इंजेक्शन लिख सकते हैं। यह हफ्ते में एक बार या महीने में एक बार लिया जा सकता है, जाँच और सलाह के अनुसार।
फिजिकल एक्टिविटी
दिन भर घर के अंदर बैठे रहने की बजाय हल्का व्यायाम या वॉक करें, ताकि शरीर विटामिन डी को बेहतर तरीके से उपयोग कर सके।
सावधानियां- विटामिन डी का अत्यधिक सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के न करें। बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुज़ुर्गों में इसकी जरूरत अधिक हो सकती है, इसलिए नियमित जांच कराएं।
विटामिन डी की कमी के लक्षण पहचानें
- लगातार थकान
- हड्डियों में दर्द या कमजोरी
- बार-बार बीमार पड़ना
- बाल झड़ना
- मूड स्विंग्स या डिप्रेशन
अगर ये लक्षण दिखें, तो डॉक्टर से विटामिन डी टेस्ट कराना चाहिए।
डिस्कलेमरः विटामिन डी की कमी से कई स्वास्थ्य समस्याएं जन्म ले सकती हैं, लेकिन सही खानपान, नियमित धूप और जरूरत पड़ने पर सप्लीमेंट्स से इसे आसानी से दूर किया जा सकता है। ज़रूरी है कि आप इसे नजरअंदाज न करें, क्योंकि एक छोटी सी कमी, लंबे समय तक बड़ी बीमारी बन सकती है।





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