नुमाइश या अराजकता का अड्डा? हल्द्वानी में फिर विवादों में घिरी एमबी इंटर कॉलेज मैदान की मनोरंजन नुमाइश!

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    यूकेडी और पार्षदों का आरोप – गैंग, अवैध गैस, गंदा खाना… सबकुछ जारी, प्रशासन बना मूकदर्शक!

    समाचार सच, हल्द्वानी । एमबी इंटर कॉलेज मैदान में आयोजित होने वाली मनोरंजन नुमाइश एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गई है। उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) और स्थानीय पार्षदों ने आरोप लगाया है कि इस आयोजन की आड़ में हर साल अराजकता और अव्यवस्था फैलती है, लेकिन प्रशासन ने इस पर आंखें मूंद रखी हैं।
    वार्ड-8 के पार्षद रवि वाल्मीकि के नेतृत्व में यूकेडी बीते दो हफ्तों से लगातार मांग कर रही है कि नुमाइश को घनी आबादी वाले क्षेत्र से हटाकर किसी अन्य सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया जाए। इसके बावजूद, प्रशासन ने आयोजकों को 45 दिन की अनुमति प्रदान कर दी।

    आज वरिष्ठ यूकेडी नेता एडवोकेट मोहन कांडपाल और पार्षद रवि वाल्मीकि ने सिटी मजिस्ट्रेट गोपाल सिंह चौहान को ज्ञापन सौंपते हुए चेताया कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो हाईकोर्ट की शरण ली जाएगी।
    एडवोकेट कांडपाल ने कहा, “जहां एक ओर अस्पताल और स्कूल जैसी सुविधाएं हैं, वहीं प्रशासन ऐसी जगह पर अराजक गतिविधियों के लिए बदनाम नुमाइश की अनुमति कैसे दे सकता है?”
    पार्षद रवि वाल्मीकि ने भी तीखा हमला करते हुए कहा, “पिछले वर्ष इसी नुमाइश में आईटीआई गैंग के असामाजिक तत्वों ने उत्पात मचाया था। घरेलू गैस सिलेंडरों का अवैध उपयोग और गंदे खाद्य पदार्थों की बिक्री खुलेआम हुई, जिससे जनस्वास्थ्य को खतरा है।”
    उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिस मैदान में कभी अग्निवीर जैसी सैन्य भर्तियों की तैयारी होती थी, उसे अब नुमाइश के नाम पर कब्जा कर लिया गया है। फूड सेफ्टी और खाद्य आपूर्ति विभाग की कार्रवाई महज दिखावा बनकर रह गई है।

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    यूकेडी कार्यकर्ताओं ने नुमाइश के बाहर लगातार 17 दिनों तक धरना-प्रदर्शन किया, लेकिन हालात में कोई सुधार नहीं हुआ। इसी निराशा के चलते बीते रोज पार्षद रवि वाल्मीकि ने यूकेडी से इस्तीफा देने की घोषणा करते हुए कहा कि पार्टी के सहयोग न मिलने से उनका मनोबल टूट गया है।
    हालांकि रवि वाल्मीकि के इस कदम के बाद उन चर्चाओं का बाजार भी गर्म हुआ जिसमें कहा गया कि नुमाइश के ठेकदार से कोई डील हुई है। नुमाइश के अंदर दुकान आवंटन और रकम मिलने जैसी बातें भी हर किसी की जुबान पर रहीं। हालाकि रवि वाल्मीकि ने सारे आरोपों को नकार दिया।
    ज्ञापन देने वालों में एडवोकेट मोहन कांडपाल, पार्षद रवि वाल्मीकि, प्रकाश चन्द्र जोशी, प्रताप चौहान, एसएस नेगी, एमसी तिवारी, उत्तम सिंह, प्रदीप पंत मौजूद रहे।

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