समाचार सच, देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने राष्ट्रीय सैनिक संस्था की ओर से शहीद दिवस के अवसर पर शुक्रताल, मुजफ्फरनगर, कारगिल शहीद स्मारक में आयोजित कार्यक्रम को राजभवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। राज्यपाल ने कहा कि यह कारगिल शहीद स्मारक हमें स्मरण कराता है कि राष्ट्र की रक्षा के लिए असंख्य वीरों ने बलिदान दिया है। ज्ञान, साधना और मुक्ति की यह भूमि शुक्रताल राष्ट्रीय सैनिक संस्था की ओर से कारगिल शहीद स्मारक की स्थापना से बलिदान की भूमि भी बन गयी है। हमारा देश सदियों से चुनौतियों का सामना करता रहा है। देश और राष्ट्र की रक्षा के लिए, वीर जवानों और हमारे महापुरुषों ने बलिदान दिये हैं। गुरुओं ने शहादतें दी है। गुरु तेग बहादुर जी और गुरु गोविंद सिंह जी महाराज की वीरता और शहादत को हम कैसे भूल सकते हैं।
नेता जी सुभाष चन्द्र बोस जी का पूरा जीवन ही बुद्धिमत्ता, वीरता, संघर्ष, त्याग और बलिदान की शिक्षा देने वाला है। उन्होंने कहा कि नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की ‘आजाद हिंद फौज’ की संकल्पना और ‘जय हिंद’ आज भी चुनौतियों से निपटने के लिए एक राह दिखाते हैं। राज्यपाल ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को स्वामी विवेकानन्द, शहीद भगत सिंह, सुखदेव राजगुरू, चन्द्रशेखर जैसे वीरों की जीवनी से सीख लेनी चाहिए। आज हम स्वतंत्र हैं, लेकिन अपनी स्वतंत्रता की रक्षा के लिए हमें सदैव सजग और सचेत रहना होगा। हमारी चुनौतियां जितनी बड़ी हैं, उनका सामना करने के लिए हमारी तैयारियां भी उतनी ही बड़ी होनीं चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय सैनिक संस्था एक विशाल संगठन के रूप में राष्ट्रीय एकता, चरित्र निर्माण, और लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक प्रहरी के रूप में काम कर रही है। राज्यपाल ने कहा कि नागरिक अधिकार, कर्तव्य, सैन्य रणनीति, आपदा प्रबंधन, प्रदूषण, पर्यावरण और जलवायु जैसे मुद्दे भी हमारे लिए और आने वाली पीढ़ी के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।
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