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अक्सर रात को सोते समय हाथ-पैर हो जाते हैं सुन्न? क्या कारण हैं जानिए

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Hands and feet often go numb at night while sleeping? Know what are the reasons

समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। अक्सर लोगों को शिकायत रहती है कि उनके हाथ या उंगलियां बहुत ज्यादा सुन्न रहती हैं। कुछ लोगों को रात को सोते वक्त हाथ-पैरों में झनझनाहट महसूस होती है या ऐसा लगता है कि हाथ सो गया है। कंप्यूटर पर लगातार काम करना या एक ही स्थिति में लंबे समय हाथ को रखने वालों में ज्यादातर यह तकलीफ देखने को मिलती है। वैसे तो यह स्थिति नुकसान दायक नहीं होती है, लेकिन बार- बार इस तरह की समस्या आने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और अपनी समस्या के बारे में बात करनी चाहिए। चलिए आज आपको बताते हैं हाथ-पैर सुन्न होने के कारण और क्या है इसका इलाज।

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सुन्नापन के कारण

सुन्नपन के कई कारण हो सकते हैं जैसे गुलियन बैरे सिंड्रोम, ये एक ऐसा इम्यून डिसऑर्डर है की जिसमें हमारा इम्यून सिस्टम ही हमारे नसों को नुकसान पहुंचता है। जब शरीर में अधिक समय तक कोई दबाव रहता हो या रक्त संचार सही से न होने पर नसों पर असर पड़ने लगता है। इससे शरीर के सारे अंगों को उचित मात्रा में ऑक्सीजन और ब्लड सर्कुलेशन नहीं हो पाता, जिसके कारण उन अंगों में झनझनाहट होने लगती है और वो सुन्न पड़ जाते है। इसके अलावा अगर आप हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक, रीढ़ की हड्डी या मस्तिष्क में ट्यूमर, चोट लगना, थायराइड या डायबिटीज के मरीज है तो भी आपको यह समस्या अधिक हो सकती है।

इन लोगों को रहती है ज्यादा परेशाानी

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औरतें को आती है ज्यादा समस्या
पुरुषों की तुलना में औरतों को इसका खतरा 3 गुणा ज्यादा होता है। गर्भावस्था, पीरियड्स की अनियमित्ता, मेनोपॉज को दौरान या बाद में यह परेशानी बढ़ जाती है।

टाइपिंग करने पर होती है परेशानी
इसके अलावा जो लोग की बोर्ड पर लगातार 8-9 घंटे टाइपिंग करते हैं उन्हें भी इसकी संभावना अधिक होती है। टाइपिंग के वक्त उंगलियां और कलाई ज्यादा मुड़ती हैं, जिससे हाथ और कलाई सुन्न और सूज जाती है।

डायबिटीज के मरीजों को होती है झनझनाहट महसूस
डायबिटीज के मरीजों को हाथ-पैरों में सुन्नपन और झनझनाहट ज्यादा महसूस होती है। अगर आपको डायबिटीज है और आप नियमित रूप से हाथ-पैर में सुन्नता का अनुभव कर रहे हैं, तो ब्लड शुगर की जांच करवाएं और अपने खानपान का विशेष ध्यान रखें।

संक्रमण
वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण आपकी नसों को नुकसान पहुंचा सकते हैं जिससे हाथ और पैर सुन्न हो सकते हैं या फिर उनमें चीटियां चलने जैसा महसूस होता है।

थायरॉयड हार्माेन की कमी
शरीर में थायरॉयड हार्माेन की कमी जिसे हाइपोथायरायडिज्म के नाम से जानते हैं, यह भी आपके हाथों और पैरों में दर्द, जलन और सुन्नता पैदा कर सकता है

नर्वस सिस्टम पर पड़ता है असर
नर्वस यानि तंत्रिकाएं शरीर में चलने वाले छोटे तारों की तरह होती हैं, जो फाइबर से बनी होती हैं। जब लंबे समय तक कोई अंग एक ही स्थिति या दबाव में रहता है तो इसका असर नर्वस सिस्टम पर पड़ता है। इससे नसों द्वारा पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन और रक्त का संचार नहीं हो पाता। ब्रेन तक उस अंग के बारे में पहुंचने वाली जानकारी अवरुद्ध हो जाती है। जिस कारण वहां संवेदना नहीं हो पाती और वह अंग सो जाता है। इससे सुईया चुभने का अहसास होता है। जब अंग से दबाव हट जाता है तब नर्वस सिस्टम में ऑक्सीजन का संचार दोबारा शुरू हो जाता है। ब्रेन और नर्वस सिस्टम अपना काम करना शुरू कर देते हैं।

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कुछ घरेलू नुस्खों से इस समस्या से पाएं छुटकारा

-यदि आपको यह समस्या परेशान कर रही है, तो सबसे पहले अपने मसल्स को रिलैक्स रखने और ब्लड फ्लो इंप्रूव करने के लिए पैर एवं हाथों की मालिश करें।

-गुनगुने पानी में सुन्न हुआ अंग रखने से भी किसी हद तक मिलेगा आराम।

-हल्दी एंटीबैक्टीरियल और औषधिय गुणों से भरपूर होती है। यह शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने का काम करती है जब आपके हाथ या पैर सुन्न पड़ जाए तो आप हल्दी वाले दूध में शहद मिलाकर पी सकते है।

-अपनी डाइट में ऐसे फल व सब्जियां ज्यादा शामिल करें, जिसमें मैग्नीशियम, आयरन, विटामिन बी व डी ज्यादा हो। इसके अलावा हरी पत्तेदार सब्जियां, सूखे मेवे, मूंगफली, मछली, सोयाबीन, केला, डार्क चॉकलेट, दही लहसुन, सोंठ और दालचीनी जरूर खाएं।

-योगा और मेडिटेशन ब्लड सर्कुलेशन को इंप्रूव करते हैं और नर्व को हेल्दी रहने में मदद करते हैं। जिस वजह से दर्द और झनझनाहट होने जैसी समस्याएं नहीं होती।

-दालचीनी में काफी मात्रा में न्यूट्रिएंट्स मौजूद होते हैं जो हाथों और पैरों में ब्लड फ्लो को बढ़ाते हैं। एक शोध के अनुसार रोजाना 2-4 ग्राम दालचीनी पाउडर को लेने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है।

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