
Hasanamba temple opens only for 1 week in a year, devotees write letters to God





समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। कर्नाटक के पुराने मैसूर हासन जिला स्थित हसनंबा मंदिर को बहुत ही रहस्यमय माना जाता है। आज तक इस रहस्य को कोई नहीं समझ पाया कि आखिर ऐसा कैसे होता है? यह मंदिर वर्ष भर में सिर्फ एक हफ्ते के लिए खुलता है। जब यह खुलता है तो यहां पर हजारों की संख्या में लोग आते हैं और अपने लिखे खत देव को अर्पित करते हैं।
सालभर में 1 हफ्ते के लिए खुलता है मंदिर: कहते हैं कि यह मंदिर पूरे साल खुला नहीं रहता बल्कि यह दीपावली के दिन ही खुलता है और वह भी सिर्फ 1 सप्ताह के लिए। इसके बाद यह मंदिर अगली दिवाली तक के लिए बंद हो जाता है। मंदिर में हसनंबा देवी की पूजा होती है। कहते हैं कि होयसला शासनकाल में इस मंदिर का निर्माण हुआ था।
सालभर तक जलता रहता है दीपक और फूल रहते हैं ताजे : कहते हैं कि मंदिर में 1 सप्ताह तक पूजा-पाठ होती है और अंतिम दिन पूजा पाठ करने के बाद मंदिर के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं, जो फिर अगले साल ही खुलते हैं। अंतिम दिन मंदिर के दरवाजे बंद करने से पहले एक दीपक जला दिया जाता है जिसमें सीमित मात्रा में ही तेल डाला जाता है और साथ ही कुछ ताजे फूल रखे जाते हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार यहां पर जब दीपावली के दिन मंदिर के दरवाजे खोले जाते हैं तो दीपक जलता हुआ मिलता है और इसके अलावा देवी हसनंबा पर जो फूल चढ़ाए गए थे, वो 1 साल बाद भी ताजा ही पाए जाते हैं। स्थानीय धारणा है कि देवी को जो प्रसाद चढ़ाया जाता है, वो अगले साल तक ताजा रहता है।
पत्र लिखकर मांगते हैं मनोकामना: यहां पर भक्तजन मनोकामना को पूरा करने के लिए भगवान को पत्र लिख रहे हैं। कहते हैं कि कई लोग तो अजीबोगरीब पत्र लिखते हैं।

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