समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। साल 2024 में सबसे ज्यादा दिल की बीमारियों का कहर देखने को मिला। जवां से लेकर बूढ़े तक, बहुत से लोगों ने हार्ट अटैक के चलते अपनी जान गंवा दी। दिल से जुड़ी समस्याओं के बढ़ने का कारण भी लाइफस्टाइल से जुड़ा है। खराब लाइफस्टाइल के चलते ही दिल से जुड़ी कई दिक्कतें सामने आ रही हैं जैसे हार्ट अटैक, हार्ट में ब्लॉकेज आदि और ये दिक्कतें बीपी और कोलेस्ट्रॉल के चलते शुरू हो जाती है।
साल 2025 की शुरुआत में ही अगर आप दिल का ख्याल रखना शुरू कर देंगे तो हार्ट को ब्लॉकेज से बचाया जा सकता है। कुछ देसी और औषधीय गुण रखने वाली चीजों का इस्तेमाल भी किया जासकता है। इन औषधियों में एक औषधि के रूप में शामिल है अर्जुन की बाक जिसे लोग अर्जुन की छाल भी कह देते हैं। यह हार्ट की बीमारी को दूर करने के लिए एक बेहतरीन उपाय है। इसमें इतने गुण पाए जाते हैं कि यह सिर्फ दिल ही नहीं बल्कि कई तरह की बीमारियों को दूर करने की ताकत रखती है। इसका सेवन भी कई तरीके से किया जा सकता है लेकिन काढ़े के रूप में इसे पीने के सबसे ज्यादा फायदे हैं। अच्छी बात यह है कि यह महंगी नहीं है। इसलिए कोई भी इसे आसानी से खरीद सकता है। चलिए आपको अर्जुन की बाक के फायदे ही बताते हैं।
अर्जुन की छाल के फायदे
अर्जुन की छाल सिर्फ दिल के लिए ही नहीं बल्कि सर्दी-जुकाम, मुंह के छाले, डायबिटीज, मोटापा कम करने में भी काफी सहायक है।
हार्ट की मांसपेशियां मजबूतः
अर्जुन की छाल में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं लेकिन इसका सबसे ज्यादा फायदा दिल को है। इसका इस्तेमाल करने से हार्ट की मांसपेशियों को मजबूत होती है।
बीपी कंट्रोल:
अर्जुन की छाल में क्यूमारिन, टैनिन्स और फ्लेवोनॉयड्स जैसे तत्व होते हैं जो हार्ट के लिए तो अच्छे होते ही हैं, साथ ही यह बीपी को कंट्रोल करने में भी मदद करते हैं। इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल को भी कम करने में मदद मिलती है।
खून के थक्के नहीं बनतेः
अर्जुन की छाल से बना काढ़ा पीने से ब्लड फ्लो बेहतर होता है। नसों में जमें खून के थक्के पिघलने लगते हैं जिससे ब्ल्ड क्लॉटिग की दिक्कत नहीं आती और नसों में ब्लॉकेज नहीं होती।
स्ट्रेस और एंग्जायटी दूर करेंः
आज के बिजी शैड्यूल में लोग तनाव और एंग्जायटी से घिरे हुए हैं। अर्जुन की छाल इन चीजों से भी बचाव करती है। इसका सेवन करने के बाद आप स्ट्रेस फ्री महसूस करते हैं।
अर्जुन की छाल का काढ़ा कैसे बनाएं?
अर्जुन की छाल का काढ़ा बनाने के लिए सबसे पहले अर्जुन की छाल का पाउडर या टुकड़ा लें। इसमें आधा चम्मच दालचीनी पाउडर, आधा कप पानी और 2 कप शहद लें। धीमी आंच पर इसे उबाले जब तक पानी आधा न रह जाए। इसे छान लें और थोड़ा ठंडा होने पर शहद मिलाकर इसका सेवन करें। इसका सेवन आप सुबह या रात को कर सकते हैं।अगर आपको पहले से ही कोई हैल्थ प्रॉब्लम चल रही है तो एक बार चिकित्सक से सलाह जरूर लें क्योंकि अगर आप पहले से ही किसी दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसका काढ़ा पीने से साइड इफेक्ट हो सकते हैं इसलिए पहले परामर्श जरूर लें।
अर्जुन की छाल के फायदे और नुकसान
अर्जुन की छाल एक आयुर्वेदिक औषधि है और इसका सेवन कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं में फ़ायदेमंद होता है हालांकि फायदे के साथ इसके नुकसान भी हो सकते है क्योंकि किसी चीज का उचित मात्रा से अधिक सेवन करेंगे तो नुकसान सामने आएंगे ही। चलिए आपको इसके फायदे और नुकसान दोनों ही बताते हैं।
अर्जुन की छाल के फायदेः
लोग अर्जुन की छाल की चाय बनाकर पीते हैं क्योंकि यह सारी नसें खोल देती है। इससे दिल हैल्दी रहता है ब्लड प्रैशर कंट्रोल में। इससे लिवर भी अपना काम सही से करता है। अर्जुन की छाल कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद करती है, कैंसर के खतरे को भी कम करती है। सूजन को कम करने में भी यह मददगार है। इससे आपका पाचन तंत्र भी सही रहता है। इस छाल से मानसिक संतुलन भी सही रहता है। फेफड़ों में अतिरिक्त कफ़ और पित्त को संतुलित करती है और त्वचा भी सही होती ह लेकिन अगर आप जरूरत से ज्यादा इसका सेवन करेंगे तो नुकसान पहुंचेगा।
अर्जुन की छाल के नुकसानः
अगर आपको कोई बीमारी या रोग पहले से ही है तो इसका सेवन आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से ही करें क्योंकि अर्जुन की छाल फायदेमंद के साथ होती है नुकसानदायक भी। कुछ लोगों को इसके सेवन से पेट में ऐंठन, मरोड़ और दर्द, गैस, एसिडिटी, या सीने में जलन, दस्त, जी मिचलाना या उल्टी, एलर्जी आदि की समस्या हो सकती हैं।
नोटः इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना है। स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह या जांच के लिए, किसी पेशेवर डॉक्टर से चेकअप करवाएं। अगर अर्जुन की छाल का सेवन कर रहे हैं तो यह भी चिकित्सक से पूछ कर करें कि आपको कितनी मात्रा की जरूरत है।
सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -
👉 हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें
👉 फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ लाइक करें
👉 यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करें
हमसे संपर्क करने/विज्ञापन देने हेतु संपर्क करें - +91 70170 85440