याददाश्त कमजोर करने में ग्रह किस तरह काम करते हैं

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समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, किसी व्यक्ति की याददाश्त और मानसिक क्षमता पर ग्रहों का प्रभाव हो सकता है। विशेष रूप से, चंद्रमा, बुध और राहु को मानसिक स्वास्थ्य और स्मृति पर गहरा प्रभाव डालने वाला माना जाता है। यहाँ इन ग्रहों का प्रभाव विस्तार से बताया गया है…

चंद्रमा
चंद्रमा मन और भावनाओं का कारक ग्रह है। यदि कुंडली में चंद्रमा कमजोर या अशुभ स्थिति में हो, जैसे कि पाप ग्रहों (शनि, राहु, केतु, मंगल) की दृष्टि में या कमजोर भाव में हो, तो यह मानसिक तनाव और कमजोर याददाश्त का कारण बन सकता है।

मानसिक स्थिरता में कमी होने से व्यक्ति भुलक्कड़ हो सकता है।

बुध
बुध बुद्धि, तर्कशक्ति और स्मृति का मुख्य कारक है। यदि बुध ग्रह कमजोर हो, अशुभ ग्रहों से प्रभावित हो, या राहु-केतु के साथ हो, तो व्यक्ति की याददाश्त और समझने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
बुध ग्रह से जुड़ी समस्याएँ व्यक्ति को ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई प्रदान करती हैं।

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राहु
राहु भ्रम और अस्थिरता का प्रतीक है। यदि राहु कुंडली में बुध या चंद्रमा के साथ हो या उनके ऊपर प्रभाव डाल रहा हो, तो यह मानसिक उलझनें और स्मृति से जुड़ी समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है।
राहु व्यक्ति को अनावश्यक चिंता और मानसिक अस्थिरता की ओर ले जा सकता है।

शनि
शनि ग्रह का संबंध मानसिक दबाव और जीवन में बाधाओं से होता है। यदि शनि चंद्रमा या बुध को प्रभावित कर रहा हो, तो यह मानसिक थकावट और स्मृति कमजोर करने में भूमिका निभा सकता है।

समस्याओं का समाधान
चंद्रमा के लिए

  • चंद्रमा को मजबूत करने के लिए सोमवार को शिव पूजा करें और दूध से बनी चीजों का दान करें।
  • चंद्रमा से जुड़ा मंत्र ऊँ सों सोमाय नमः का जाप करें।
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बुध के लिए

  • हरे वस्त्र पहनें और बुधवार के दिन हरी मूंग का दान करें।
  • बुध के लिए ऊँ बुं बुधाय नमः मंत्र का जाप करें।

राहु के लिए

  • राहु के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  • राहु के लिए उड़द दाल का दान करें।

शनि के लिए

  • शनि की शांति के लिए शनि मंदिर में सरसों का तेल और काले तिल का दान करें।
  • शनिवार को शनि मंत्र ऊँ शं शनैश्चराय नमः का जाप करें।

ध्यान रखें कि कुंडली का व्यक्तिगत विश्लेषण आवश्यक है। किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श करके सही उपायों को अपनाएँ।

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