समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। विज्ञान और अन्य देशों के लिए भले ही ग्रहण लगने की घटना को केवल खगोलीय घटना माना जाता है। लेकिन भारत और विशेषकर हिंदू धर्म में ग्रहण लगने की घटना को अशुभ माना जाता है। साथ ही सूर्य और चंद्र ग्रहण लगने से कई पौराणिक कथाएं व मान्यताएं भी प्रचलित हैं।
विज्ञान के अनुसार चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी की स्थिति के कारण ही चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण जैसी खगोलीय घटनाएं होती हैं। वहीं ज्योतिष के अनुसार ग्रहण का विशेष महत्व होता है। इसे अशुभ घटना माना जाता है और इसलिए ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ से लेकर शुभ-मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं। यहां तक कि खाने-पीने और सोने की भी मनाही होती है।
इसलिए पहले से ही जान लीजिए कि नए साल 2024 में कितने सूर्य और चंद्र ग्रहण लगेंगे। साथ ही जान लीजिए कि, क्या किसी ग्रहण का सूतक भी मान्य होगा। आइये जानते हैं 2024 में लगने वाले ग्रहण की तारीख, सूतक काल और समय आदि के बारे में।
सूर्य ग्रहण 2024
पहला सूर्य ग्रहण
साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण सोमवार 08 अप्रैल को लगेगा, जोकि भारत में दिखाई नहीं दिखेगा और सूतक भी मान्य नही होता।
कहां दिखाई देगा
साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में तो दिखाई नहीं देगा। लेकिन इसे पश्चिमी एशिया, दक्षिणी-पश्चिम यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, अटलांटिक महासागर, उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव में देखा जा सकेगा।
सूर्य ग्रहण का समय
साल का पहला सूर्य ग्रहण रात 09.12 में शुरू होगा और मध्यरात्रि 01.25 पर समाप्त हो जाएगा।
दूसरा सूर्य ग्रहण
साल का दूसरा सूर्य ग्रहण बुधवार 02 अक्टूबर 2024 को लगेगा। यह ग्रहण भी भारत में दिखाई नहीं देगा और ना ही यहां इसका सूतक मान्य होगा। बताया जा रहा है कि, यह सूर्य ग्रहण वलयाकार ग्रहण होगा. बता दें कि ऐसी स्थिति तब आती है, जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा हो, लेकिन इसकी दूरी धरती से दूर हो. धरती से दूर होने के कारण चंद्रमा छोटा दिखता पड़ता है।
कहां दिखाई देगा
इसे अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अर्जेंटीना और अटलांटिक महासागर में देखा जा सकेगा।
सूर्य ग्रहण का समय?
साल का दूसरा सूर्य ग्रहण रात 09.13 मिनट पर शुरू होगा और मध्यरात्रि 03.17 पर समाप्त हो जाएगा।
चंद्र ग्रहण 2024
पहला चंद्र ग्रहण
साल 2024 का पहला ग्रहण चंद्र ग्रहण सोमवार 25 मार्च 2024 को लगेगा. जोकि उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा. यह भी भारत में दिखाई नहीं देगा. इस कारण इसका भी सूतक मान्य नहीं होगा. उपच्छाया ग्रहण के दौरान चंद्रमा केवल पृथ्वी की छाया के बाहरी किनारों से गुजरता है। इसलिए इसे नग्न या खाली आंखों से देखना मुश्किल हो जाता है।
कहां दिखाई देगा
साल का पहला चंद्र ग्रहण यूरोप, उत्तर-पूर्व एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, उत्तर और दक्षिण अमेरिका में दिखाई देगा। साथ ही प्रशांत महासागर, अटलांटिक, आर्कटिक और अंटार्कटिका में भी देखा जा सकेगा।
चंद्र ग्रहण का समय
25 मार्च को चंद्र ग्रहण सुबह 10.41 पर लगेगा और दोपहर 03.01 पर समाप्त हो जाएगा।
दूसरा चंद्र ग्रहण
साल 2024 का दूसरा चंद्र ग्रहण बुधवार 18 सितंबर को लगेगा। यह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा और यह भी भारत में नहीं दिखाई देगा।
कहां दिखाई देगा
18 सितंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण यूरोप, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, दक्षिण और उत्तर अफ्रीका, हिंद महासागर, अटलांटिक महासागर और आर्कटिक महासागर में दिखाई देगा।
चंद्र ग्रहण का समय
ग्रहण सुबह 06.12 से शुरू होकर सुबह 10.17 पर समाप्त हो जाएगा।
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