समाचार सच, हरिद्वार। सोमवार को हरिद्वार पुलिस ने गाजियाबाद की एक 30 वर्षीय विवाहित महिला की शिकायत पर उत्तर प्रदेश के दो लोगों को गिरफ्तार किया है। महिला ने दावा किया है कि उसे पिछले महीने काम के बहाने गाजियाबाद से हरिद्वार ले जाया गया था और फिर उसे दर्दनाशक इंजेक्शन देकर बार-बार दुष्कर्म किया गया था। इसके बाद उसे रूड़की में वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया गया था।
इस मामले में पुलिस ने दो गिरफ्तार आरोपियों की पहचान की गई। उनके नाम मोहम्मद शाकिब और नदीम हैं। जांच में पता चला है कि महिला ने शाकिब के साथ काम के तलाश में हरिद्वार आई थी और वहां नदीम ने उसे मिलवाया था। उसके बाद शाकिब ने महिला के साथ दुष्कर्म किया और उसे नशीला पदार्थ देकर वेश्यावृत्ति में धकेल दिया था। आरोपी नदीम ने भी पीड़िता को दर्दनाशक इंजेक्शन देता था।
पुलिस ने पहले तो मोहम्मद शाकिब और उसकी पत्नी आयशा उर्फ खुशी के खिलाफ धारा 376 (दुष्कर्म) और 328 (अपराध करने के इरादे से जहर आदि के माध्यम से चोट पहुंचाना) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की थी, बाद में अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम से संबंधित धाराएं भी जोड़ी। विवाहिता के पति ने भी शाकिब की पत्नी आयशा पर अपराध में शामिल होने का आरोप लगाया था।
मामले का खुलासा करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि महिला शनिवार को गंगानगर पुलिस स्टेशन के तहत आने वाले एक इलाके में नशे की हालत में पाई गई थी। उसे रूडकी सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शुरू में उसे शिकायत देने की स्थिति में नहीं थी, और उसे बहुत टॉर्चर किया गया था ताकि वह परिवार के सदस्यों के मोबाइल नंबर भी भूल गई थी। पति के आने के बाद ही महिला ने शिकायत दी, जिसे तुरंत एफआईआर में बदल दिया गया।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि जांच में पता चला कि महिला 7 जुलाई को आरोपी नदीम के साथ काम की तलाश में हरिद्वार आई थी। नदीम ने हरिद्वार में उसे मोहम्मद शाकिब से मिलवाया, जिसने उसका यौन उत्पीड़न किया और उसे नशीला पदार्थ देकर वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि पुलिस महिला की काउंसलिंग कर रही थी। उसके परिवार के बारे में जानकारी जुटाने के बाद एक टीम गाजियाबाद भेजी गई। उसका पति आया। महिला ने आखिरकार शाकिब नामक व्यक्ति के खिलाफ दुष्कर्म करने और उसे वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर करने की शिकायत दी। पति ने शाकिब की पत्नी आयशा पर भी अपराध में शामिल होने का आरोप लगाया।
हालांकि, पुलिस अधिकारी ने वह खबर खारिज किया है जिसमें दावा किया गया था कि पीड़ित महिला कांवड़ यात्रा के लिए हरिद्वार आई थी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ग्रामीण एसके सिंह ने बताया कि पीड़ित महिला की मेडिकल जांच कराई गई है और सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने उसका बयान दर्ज किया गया है। पुलिस अभी भी दूसरे आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयासों में जुटी हुई है। इस संबंध में राज्य महिला आयोग ने भी संज्ञान लिया है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
Human trafficking racket busted in Haridwar, used to inject painkillers for prostitution, two arrested


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