-नैनीताल हनुमान मन्दिर के पास नवजात बच्ची मिलने से मचा हड़कंप, पुलिस ने कब्जे में लेकर कराया अस्पताल में भर्ती
समाचार सच, नैनीताल। उत्तराखण्ड के नैनीताल से मानवता को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है। कड़ाके की ठंड में गुरूवार की सुबह लगभग 7 बजे नैनीताल स्थित स्टाफ हाउस हनुमान मन्दिर के पास नाले में फैंकी हुई नवजात बच्ची के मिलने से हड़कंप मच गया। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय थाने की पुलिस मौके पर पहुंचकर बच्ची को अपने कब्जे में लिया और बीडी पाण्डे अस्पताल ले आयी। जहां से प्राथमिक उपचार के बाद बच्ची को हल्द्वानी डॉ0 सुशीला तिवारी अस्पताल के जहां उसके भर्ती कराया है और एसएनसीयू वार्ड में इलाज चल रहा है। साथ ही पुलिस बच्ची के माता-पिता परिजनों की तलाश में जुट गयी हैं।


प्राप्त जानकारी के अनुसार नैनीताल के सात नंबर क्षेत्र में स्टाफ हाउस स्थित हनुमान मंदिर में सवेरे साढ़े सात बजे किसी बच्ची की किलकारी से वहां रहने वाले राशिद कि नींद खुली। राशिद ने बाहर आये तो उनके होश उड़ गये। उन्होंने देखा समीप के नाले में नवजात बच्ची रो रही है। राशिद ने अपनी पड़ोसी शांति देवी को बुलाया और कुछ देर पहले जन्मी बच्ची को नाले से बाहर निकाला और सूचना पर पहुंची पुलिस उस बच्ची को बी.डी.पाण्डे अस्पताल ले गए। जहॉ चाईल्ड लाईन 1098 की देखरेख में नवजात बच्ची का प्रारंभिक उपचार किया गया। बाद में नवजात बच्ची के उचित और बेहतर ईलाज के लिए सुशीला चिकित्सालय को रेफर कर दिया गया। जहॉ उसका ईलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि बच्ची एक से दो घण्टे पहले जन्मी होगी।
डीएम ने की इस शर्मनाक कृत्य की भर्त्सना
सूचना मिलने पर जिलाधिकारी सविन बंसल तत्काल इस मामले को संज्ञान में लिया और जिला बाल संरक्षण अधिकारी व्यौमा जैन को बच्ची की देखभाल के लिए अस्पताल भेजा। जिलाधिकारी श्री बंसल ने इस शर्मनाक कृत्य की भर्त्सना की है तथा इस शर्मनाक कार्य की निन्दा भी की है। उन्होंने कहा कि यह घिनोना कार्य करने वाले जल्द पकड़ में आयेंगे जिसके लिए कार्यवाही प्रारंभ कर दी गयी है। इस घृणित कार्य को करने वाले महिला एवं पुरूष को नियमानुसार दण्डित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इनके बारे में जो कोई भी सूचना जिला प्रशासन को देगा उसे जिलाधिकारी की ओर से दस हजार का नकद ईनाम दिया जायेगा। सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जायेगा।
श्री बंसल ने कहा कि सुशीला तिवारी में उपचार के बाद जब बच्ची पूर्णतः स्वस्थ हो जायेगी तो उसे अल्मोड़ा शिशु गृह में रखा जायेगा। नवजात बच्ची को गोद लेने वाले दम्पत्ति को नियमानुसार गोद दे दिया जायेगा। यदि इस बच्ची को अडोप्ट करने के लिए कोई दम्पत्ति सामने नहीं आता है तो इस बच्ची की परवरिश, भरण-पोषण, शिक्षा तथा विवाह तक का सारा खर्चा जिला प्रशासन वहन करेगा। उन्होंने कहा कि समाज में व्याप्त इस कुरीती को दूर करने की जरूरत है तथा ऐसा अनैतिक कार्य करने वालों का सामाजिक बहिष्कार करते हुए उन्हें दण्डित भी किया जाना चाहिए।


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