दीपावली में पटाखों के धुंए से गले में जलन और खांसी से हैं परेशान? तो तुरंत राहत देंगे ये घरेलू नुस्खे

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समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। दीपावली में पटाखों के धुएं की हवा बेहद खराब हो जाती है। आसमान में धुएं की परत छा जाती है और हवा में मौजूद प्रदूषक हमारे फेफड़ों पर गहरा असर डालते हैं। इसी वजह से लोगों में खांसी, गले में जलन, नाक बंद होना, और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। ऐसे में केवल दवाइयों पर निर्भर रहने के बजाय कुछ दादी-नानी के घरेलू नुस्खे अपनाकर भी तुरंत राहत पाई जा सकती है। ये उपाय न सिर्फ लक्षणों को कम करते हैं बल्कि शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाते हैं।

हल्दी वाला दूध: सूजन घटाए और खांसी शांत करे
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व है, जो शरीर की सूजन को कम करता है। रात में सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से गले की खराश, खांसी और छाती में जमी बलगम में राहत मिलती है। हल्दी वाला दूध फेफड़ों को साफ करने में मदद करता है और गले में बने बैक्टीरिया को खत्म करता है। चाहें तो इसमें थोड़ा सा काली मिर्च पाउडर भी मिला सकते हैं, इससे हल्दी का असर और बढ़ जाता है।

शहद और अदरक का मिश्रण – सूखी खांसी में फौरन असर
अदरक प्राकृतिक रूप से खांसी और गले की सूजन कम करने में मदद करता है। इसमें मौजूद तत्व बलगम को पतला करके गले से बाहर निकालते हैं। एक चम्मच अदरक का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो बार लेने से सूखी खांसी और गले में जलन में काफी राहत मिलती है। यह मिश्रण प्राकृतिक एंटीबायोटिक की तरह काम करता है और सांस की नली में फंसे धूल के कणों को भी बाहर निकालने में मदद करता है। छोटे बच्चों को यह मिश्रण सिर्फ आधा चम्मच ही दें और उसमें थोड़ा गुनगुना पानी मिला सकते हैं।

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तुलसी का काढ़ा – सर्दी और गले की खराश में बेहद असरदार
तुलसी को आयुर्वेद में “जीवनदायिनी जड़ी-बूटी” कहा गया है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण गले की खराश, सर्दी और खांसी से तुरंत राहत देते हैं। काढ़ा बनाने के लिए 5-6 तुलसी के पत्ते, अदरक का छोटा टुकड़ा, लौंग और दालचीनी को पानी में उबालें। जब यह आधा रह जाए, तो इसे गुनगुना पी लें। दिन में दो बार यह काढ़ा पीने से फेफड़ों की सफाई होती है और प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। चाहें तो इसमें थोड़ा शहद मिलाकर स्वाद और प्रभाव दोनों बढ़ा सकते हैं।

भुनी अजवायन की पोटली – बंद नाक और सांस की तकलीफ में राहत
अजवायन में मौजूद थाइमॉल नामक तत्व सांस की नली खोलने और जकड़न दूर करने में मदद करता है। थोड़ी सी अजवायन को तवे पर हल्का भून लें, फिर इसे एक साफ सूती कपड़े में बांधकर पोटली बना लें। इस पोटली को सूंघने या छाती पर हल्के से रखने से नाक खुलती है और सांस लेने में आसानी होती है। यह उपाय खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों के लिए सुरक्षित और बहुत उपयोगी है। सोने से पहले इसका इस्तेमाल करने से नींद भी अच्छी आती है और सांस लेने में दिक्कत कम होती है।

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काली मिर्च और मिश्री पाउडर – पुरानी खांसी में फायदेमंद
काली मिर्च में मौजूद प्राकृतिक गर्माहट बलगम को पिघलाती है और गले को साफ करती है। एक चम्मच मिश्री पाउडर में आधा चम्मच काली मिर्च पाउडर मिलाएं और इसे दिन में दो बार खाएं। यह मिश्रण खांसी के पुराने दौरों में भी असरदार साबित होता है और गले की सूजन को कम करता है। इसे दूध के साथ या गुनगुने पानी के बाद लेना ज्यादा फायदेमंद रहता है।

साथ ही ध्यान रखें
धूल, धुआं और प्रदूषण से यथासंभव दूरी बनाएं। दिनभर में बार-बार गुनगुना पानी पिएं। ठंडी चीजें जैसे आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक या ठंडा पानी न लें। घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनना न भूलें। त्योहारों की खुशी तभी पूरी होती है जब हम स्वस्थ हों। इसलिए अपने फेफड़ों की सुरक्षा सबसे जरूरी है। दादी-नानी के ये घरेलू नुस्खे न सिर्फ प्राकृतिक हैं बल्कि शरीर को अंदर से मजबूत भी बनाते हैं। याद रखें – स्वस्थ फेफड़े ही त्योहारों की खुशियों की असली पहचान हैं।

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