समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। अप्रैल के महीने में ही तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है। जिसकी वजह से भीषण गर्मी पड़ रही है। गर्म हवाएं चल रही हैं। तेज धूप पड़ रही है। यही वजह है कि तापमान के बढ़ने से हीट स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। मौसम के मिजाज को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी लोगों को लगातार गर्मी और लू से बचाव के लिए सलाह दे रहे हैं। बुजुर्गों से लेकर बच्चों को दोपहर में घर से बाहर न निकलने का सुझाव दे रहे हैं। साथ ही इस दौरान बचाव के अन्य तरीके भी अपनाने के लिए कह रहे हैं।


दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉ. एस एम रहेजा का कहना है कि गर्मी के मौसम में कई सारी परेशानियां हो जाती हैं। हीट स्घ्ट्रोक या सन स्ट्रोक उनमें से एक कॉमन है। हीट स्ट्रोक यानि लू लगना या गर्मी के कारण बुखार के दौरान शरीर का तापमान काफी बढ़ जाता है। यह करीब 105-106 डिग्री फारेनहाइट या इससे ज्यादा तक पहुंच जाता है। इस दौरान शरीर को ठंडा रखने वाला सिस्टम काम नहीं करता है और व्यक्ति को जरा भी पसीना नहीं आता है। हीट स्ट्रोक का अगर समय पर इलाज न किया जाए तो शरीर का कोई भी अंग इसकी वजह से खराब हो सकता है जैसे ब्रेन, हार्ट, किडनी, लिवर या अन्य कोई भी अंग। यही वजह है कि हीट स्ट्रोक के इलाज से ज्यादा इससे बचाव सबसे पहले जरूरी है।
ये हैं हीट स्ट्रोक के लक्षण
- शुरूआत में व्यक्ति को पेट या मांसपेशियों में क्रेंप या खिंचाव जैसा महसूस हो सकता है।
- इसके बाद व्यक्ति को बेचौनी होती है, सोचने-समझने की क्षमता बिगड़ जाती है।
- शरीर गर्म हो जाता है।
- त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं।
- शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस होती है और थकान होती है।
- कन्फ्यूजन, उल्टी की शिकायत रह सकती है।
- सिरदर्द हो सकता है और बेहोशी या दौरे भी पड़ सकते हैं।
- सांस और दिल की धड़कन तेज तेज चल सकती है।
अगर किसी को हीट स्ट्रोक हो जाए तो ये करें
डॉ. रहेजा बताते हैं कि अगर किसी व्यक्ति को हीट स्ट्रोक हो तो उसे तत्काल ठंडी जगह पर ले जाएं। यह कमरा भी हो सकता है जहां कूलर या एसी लगा हो। इसके साथ ही उसे तुरंत ठंडा पानी, ओआरएस घोल या कुछ जूस पीने के लिए दिया जाए ताकि डिहाइड्रेशन को कंट्रोल किया जा सके। उसे ठंडे पानी से नहलाया भी जा सकता है। उसे तुरंत ढीले कपड़े पहनाएं और आराम करने दें। अगर इस दौरान कुछ भी चिंताजनक लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें क्घ्योंकि हीट स्ट्रोक के मामलों में देरी करना ठीक नहीं।
ये करें बचाव के उपाय –
- अपने शरीर को पूरी तरह हाइड्रेट रखें. इसके लिए ज्घ्यादा से ज्घ्यादा पानी पीएं, जूस आदि लिक्विड डाइट लें।
- दिन में कम से कम 8 से 10 गिलास पानी रोजाना पीएं. शरीर में पानी की मात्रा बनाए रखें।
- दोपहर के दौरान घर से कम से कम निकलें। बाहरी गतिविधियां कम से कम रखें।
- गर्मी के मौसम में बहुत ज्यादा कड़ी मेहनत से दूरी बनाएं।
- कैफीन और एल्कोहल से परहेज करें।
- घर से बाहर जाते समय छाता, गमछा, दुपट्टा या हैट का इस्तेमाल करें। ताकि सूरज की सीधी किरणों से बचा जा सके।
- अचानक ठंडे से गर्म तापमान में या गर्म से ठंडे तापमान में न जाएं।




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