समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। कुट्टू का आटा, जिसे व्रत-उपवास में खाया जाता है, गेहूं, चावल और जौ जैसे अनाजों से भी ज्यादा पौष्टिक होता है। इसमें मौजूद लाइसिन अमीनो एसिड अन्य किसी अनाज में नहीं पाए जाते हैं। इसके अलावा, यह प्रोटीन का भी एक अच्छा स्रोत है। यही कारण है कि यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। आइये आज जानते हैं कुट्टू के आटे के फायदे


कुट्टू के आटे में मौजूद पौष्टिक तत्व
लाइसिन अमीनो एसिड
यह एक आवश्यक अमीनो एसिड है जो शरीर में प्रोटीन के निर्माण में मदद करता है।
प्रोटीन
कुट्टू का आटा प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है, जो मांसपेशियों के निर्माण और मरम्मत के लिए आवश्यक है।
फाइबर
इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पाचन क्रिया को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
मिनरल्स
कुट्टू का आटा मैग्नीशियम, आयरन और जिंक जैसे खनिजों का अच्छा स्रोत है।
एंटीऑक्सीडेंट्स
इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं।
कुट्टू के आटे के स्वास्थ्य लाभ
डायबिटीज नियंत्रण
कुट्टू का आटा ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है।
हृदय रोग की रोकथाम
यह खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
कैंसर की रोकथाम
इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकते हैं।
वजन नियंत्रण
कुट्टू का आटा फाइबर से भरपूर होता है, जो पेट को लंबे समय तक भरा रखता है और वजन नियंत्रण में मदद करता है।
कुट्टू के आटे का उपयोग कैसे करें?
व्रत के दौरान- कुट्टू के आटे से पूड़ी, पकौड़े और हलवा बनाकर खा सकते हैं।
सामान्य दिनों में- कुट्टू के आटे से रोटी, डोसा और चीला बनाकर खा सकते हैं।
कुट्टू का आटा न केवल व्रत-उपवास में खाया जाने वाला एक पौष्टिक आहार है, बल्कि यह सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है। इसे अपनी डाइट में शामिल करके आप कई स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं।




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