समाचार सच, हरिद्वार। कार्तिक पूर्णिमा पर धर्मनगरी हरिद्वार में हर की पैड़ी पर स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। कोरोना काल के बाद पहली बार श्रद्धालु किसी स्नान पर्व पर बिना रोकटोक स्नान कर रहे हैं। सुबह से ही दूर-दूर से श्रद्धालुओं ने मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य कमाया। श्रद्धालुओं का मानना है कि आज के दिन गंगा में स्नान करने से सुख सम्रद्धि आती है और पाप से मुक्ति मिलती है। स्नान के मद्देनजर पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। सुरक्षा के लिहाज से समस्त मेला क्षेत्र को नौ जोन और 32 सेक्टर में बांटा गया है। करीब डेढ़ हजार का पुलिस बल मेले में लोगों की सुविधा और सुरक्षा के लिए लगाया गया है। मान्यता है कि साल भर के बारह महीनों में कार्तिक मास को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस महीनें में शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन से पूर्णिमा तक के पांच दिनों को काफी खास माना जाता है। एकादशी के दिन को भगवान विष्णु शयन से बाहर आते हैं और इस दिन को देवोत्थान एकादशी कहा जाता है। इस दिन से शादी विवाह सहित सभी शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं। इन पांच दिनों को ज्योतिषाचार्य पंचक कहते हैं। कहा जाता है इन पांच दिनों तक व्रत रखकर गंगा स्नान करना चाहिए। ज्योतिषाचार्य पंडित शक्तिधर शर्मा शास्त्री बताते हैं कि पुराणों में भी कहा गया है कि जो व्यक्ति पूरे साल भर गंगा स्नान नही कर पाता है, वह कार्तिक की पूर्णिमा के केवल एक दिन भी गंगा में स्नान कर ले तो उसे उसे पूरे साल भर के गंगा स्नान के बराबर पुण्य फल प्राप्त होता है।
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