वो दिन रात काम करते हैं,
हर पल का हमेशा सम्मान करते हैं,
उठते हैं गिरकर भी निराशा को हटाकर,
मन का पुनः निर्माण करते हैं
अनेक उलझनों के साथ
राह उलझती जाती है
फिर भी बटोर के शक्तियां अपनी वो चलते हैं।
जब मंजिल उसके कदम चूम गयी
लोगों ने कहा ‘‘उसके भाग्य में थी, सो उसे मिल गयी।
-डॉ0 आर0के0 शर्मा
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