समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। माघ महीने का विशेष धार्मिक महत्व होता है. मान्यता है कि माघ माह में किए स्नान से पापकर्मों से मुक्ति मिलती है। पंचांग के अनुसार वर्ष के ग्यारहवें चंद्रमास और दसवें सौरमास को माघ कहते हैं
इस महीने मघा नक्षत्र पूर्णिमा के पड़ने से इसका नाम ‘माघ’ पड़ा। माघ का पवित्र महीना भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण का प्रिय माह है। इस महीने में तीर्थ स्थल, पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है। माघ महीने में स्नान का महत्व, नियम, व्रत त्योहार जानें।
माघ माह 2025 कब से कब तक
माघ महीना 14 जनवरी 2025 से शुरू हो रहा है, इसकी समाप्त 12 फरवरी 2025 होगा। इस मास में प्रातः सूर्याेदय से पूर्व स्नान करने से सभी महापातक दूर हो जाते हैं और प्राजापत्य-यज्ञ का फल प्राप्त होता है।
माघ माह में स्नान करने से क्या होता है
‘माघे निमग्नाः सलिले सुशीते विमुक्तपापास्त्रिदिवं प्रयान्ति।’
माघ महीने में शीतल जल में डुबकी लगाने वाले पापों से मुक्त होकर स्वर्गलोक जाते हैं। माघ महीन में प्रयागराज में संगम तट पर गंगा स्नान करने का विधान है, इससे कभी न खत्म होने वाला पुण्य मिलता है। एक माह तक लोग यहां कल्पवास करते हैं।
कहते हैं माघ के पूरे महीने जो लोग नियमों का पालन करते हुए स्नान करते हैं उनके इक्कीस कुलों सहित समस्त पितरों आदि का उद्धार होता है और वह सभी आनन्दों को प्राप्त कर अन्त में विष्णु लोक को प्राप्त करता है।
पुराणों में माघ महीने का महत्व
‘प्रीतये वासुदेवस्य सर्वपापनुत्तये। माघ स्नानं प्रकुर्वीत स्वर्गलाभाय मानवः।।’
पद्म पुराण के अनुसार सभी पापों से मुक्ति, भगवान वासुदेव की प्रीति प्राप्त करने के लिए प्रत्येक मनुष्य को माघ महीन में स्नान करना चाहिए। साथ ही मनुष्य को स्वर्ग प्राप्ति के लिए माघ स्नान करना चाहिए।
माघ महीने के नियम
- इस माह में आपको प्रत्येक दिन स्नान करना चाहिए. स्नान के पानी में आप काला तिल मिलाकर कर स्नान करें।
- इस पूरे माह में आप एक समय ही भोजन करें. सात्विक भोजन करें।
- माघ माह में तिल का उबटन, तिल मिश्रित जल से स्नान, तिलों से पितृ तर्पण, तिल का हवन, तिल का दान और तिल से बनी हुई सामग्री का भोजन करने से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं होता है।
- माघ माह में रोजाना तुलसी के पौधे की पूजा करनी चाहिए. साथ ही इस मास में तिल, गुड़ और कंबल के दान का खास महत्त्व माना जाता है
माघ माह 2025 व्रत-त्योहार
14 जनवरी 2025 – मकर संक्रांति, पोंगल, उत्तरायण
17 जनवरी 2025 – सकट चौथ
25 जनवरी 2025 – षटतिला एकादशी
27 जनवरी 2025 – मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत
29 जनवरी 2025 – माघी अमावस्या, मौनी अमावस्या
1 फरवरी 2025 – विनायक चतुर्थी
2 फरवरी 2025 – बसंत पंचमी
4 फरवरी 2025 – नर्मदा जयंती
8 फरवरी 2025 – जया एकादशी
9 फरवरी 2025 – प्रदोष व्रत
12 फरवरी 2025 – माघ पूर्णिमा व्रत, कुंभ संक्रांति, गुरु रविदास जयंती


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