काठमांडू। इस वर्ष मई में रिकॉर्ड 885 लोगों ने दुनिया
की सबसे ऊंची पर्वत चोटी एवरेस्ट की चढ़ाई की। पर्वतारोहण के इस सीजन में
इस चोटी पर 11 पर्वतारोहियों की जान भी चली गई। पिछले साल 807 लोगों ने
एवरेस्ट की चढ़ाई की थी। नेपाल और चीन के बीच सीमा पर दोनों ओर विस्तारित
एवरेस्ट पर इस साल 644 लोगों ने दक्षिण वाले हिस्से से चढ़ाई की।
यह संख्या पिछले साल 563 थी। चीन की आधिकारिक समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के मुताबिक तिब्बत में उत्तरी हिस्से से एवरेस्ट पर चढ़ने वालों की संख्या इस साल 241 रही जो गत साल 244 थी। इस वर्ष जान गंवाने वाले पर्वतारोहियों में से कम से कम चार की मौत का कारण इस चोटी पर चढ़ने वालों की भीड़ को बताया जाता है।
इससे पहले एवरेस्ट मिशन के दौरान 2015 में तब बड़ी संख्या में लोगों की जान गई थी जब तीव्र भूकंप के कारण हिमस्खलन होने से पर्वतारोहियों के शिविर जमींदोज हो गए थे। इस बार भीड़ अधिक होने की वजह से एवरेस्ट मार्ग पर ट्रैफिक जाम की समस्या हुई और लोगों को 8,848 मीटर ऊंची इस चोटी पर हाड़ जमा देने वाले तापमान में चढ़ाई करने और उतरने के लिए कई घंटे तक इंतजार करना पड़ा।
विशेषज्ञों का कहना है कि पर्वतारोही पर्यटकों में से कई तो बिल्कुल नए थे और उनकी अनुभवहीनता तथा अपर्याप्त तैयारी महंगी पड़ी। इस स्थिति की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कुछ विशेषज्ञों ने पर्वतारोहण के परमिट की संख्या में कटौती करने या गाइडों के लिए कड़े मानदंड तय करने का आह्वान किया है।


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