सियासी दल भी विकास पुरूष को भूले…

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समाचार सच, हल्द्वानी (धीरज भट्ट)। विगत दिनों पूर्व सीएम नारायण दत्त तिवारी की जयंती व पुण्यतिथि पर अब राजनीतिज्ञ व सामाजिक कार्यकर्ता उनके जन्मदिन को मनाकर एक रस्म अदायगी निभा रहे हैं। जबकि तिवारी जी ने पहाड़ व यूपी में जो विकास कार्य किया उसके लिये वे किसी दल के ना होकर विकास का प्रतिनिधित्व करते थे। इधर राजनीति में भले ही हर आदमी किसी से सहमत हो भी सकता है या नहीं भी लेकिन प्रदेश से लेकर देश में नारायण दत्त तिवारी से असहमति जताने वाले लोगों की संख्या कम ही होगी। आज नई पीढ़ी तो छोड़िए पुरानी पीढ़ी भी उनके नाम से किनारा करती नजर आ रही है। लेकिन तिवारी ऐसे विकास पुरुष की जयंती वह पुण्यतिथि पर उनका स्मरण न करना उनके साथ अन्याय ही होगा।
ज्ञात हो कि नारायण दत्त तिवारी भारतीय राजनीतिज्ञ में एक ऐसा नाम है, जो पीएम के अलावा लगभग मंत्री मंडल में सभी मंत्रालयों का पदभार संभाल चुके हैं। देश ही नहीं विदेश में भी दिग्गज राजनीतिज्ञों की उनसे नजदीकी संबंध थे। हमारे देश में भी संभवत पहले राजनीति के थे, जो 2 राज्यों के सीएम का पदभार संभाल चुके हैं। इसके अलावा आंध्र प्रदेश के राज्यपाल भी रहे। हालांकि उन्होंने यूपी के सीएम के रहने के दौरान नोएडा जैसे आधुनिक शहर में लेकर पहाड़ों तक में अनेक विकास कार्य करवाएं। उनको पास से जानने वाले लोगों का कहना है कि यूपी में पहाड़ जिन दिग्गजों ने वहां विकास किया उनमें हेमवती नंदन बहुगुणा नाम भी प्रमुखता से लिया जाता है।
इधर उनकी पुण्यतिथि पर युवाओं के विचार जानने का प्रयास किया। होटल मैनेजमेंट में स्नातक के छात्र गिरीश ने कहा कि हालाकि उनकी राजनीति में रुचि नहीं है लेकिन इतना पता है कि नारायण दत्त तिवारी हमारे पहाड़ से संबंध रखते थे। लेकिन वह किस जिले के थे। वह मुझे नहीं मालूम। वहीं हिंदी साहित्य से एमए करी रही एक छात्रा ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि नारायण दत्त तिवारी नैनीताल जिले के रहने वाले थे। लेकिन वह किस गांव के रहने वाले थे, यह मेरे संज्ञान में नहीं है। ऐसे ही एक दुकान पर सेल्समेन रघु पाण्डे ने कहा कि मुझे तिवारी जी की जयंती व पुण्यतिथि बारे में मालूम नहीं है, लेकिन नारायण दत्त तिवारी ने पहाड़ का नाम रोशन किया था। इधर इंटर करी रही गीता जोशी ने बताया कि हमारे घर में दादा जी तिवारी जी के बारे में बताते थे। उनके बारे में पता नहीं है लेकिन उनकी पत्नी के नाम पर डॉ0 सुशीला तिवारी अस्पताल बना है, इतना मुझे पता है। इसके इतर शहर में अनेक लोग है जो एनडी तिवारी को पास से जानते हैं। हालाकि तिवारी के नेतृत्व में पहाड़ का विकास तो हुआ लेकिन आज उनको याद करने वाले लोगों की संख्या कम हो रही है। लोग साल भर में उनकी जयंती और पुण्यतिथि पर रस्म अदायगी करते हुए दिख जाते हैं लेकिन तिवारी जैसे दिग्गज राजनीतिज्ञ के लिये सम्मान जनक बात नहीं हैं।

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तिवारी के योगदान को भूले
हल्द्वानी। एचएमटी, सोयाबीन, जल पैक से लेकर भीमताल के आस-पास के कल-कारखानों को बनाने का श्रेय नारायण दत्त तिवारी को जाता है। इसके अलावा तराई के क्षेत्र में सिडकुल, आईआईएम, डॉ सुशीला तिवारी चिकित्सालय, गोवर्धन तिवारी चिकित्सालय बनाने का श्रेय भी उन्हीं को जाता है। हल्द्वानी में तिवारी ने अनेक लोगों की नैय्या पार कराने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। लेकिन वह लोग भी अब तिवारी को भूलते जा रहे है। विपक्षी दलों को तो छोड़िए खुद उनके नजदीकी लोगों में भी तिवारी के प्रति अब वह मोह नहीं दिख रहा है।

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