संविधान दिवस पर किया गया डॉ0 भीमराव अंबेडकर साहब को याद

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समाचार सच, हल्द्वानी। भीमराव अंबेडकर आदर्श विद्यालय दमुवाढूंगा में संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में डॉ0 भीमराव अंबेडकर साहब की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया। इस दौरान आयोजित गोष्ठी में डॉ0 अंबेडकर साहब की जीवन को जाना गया।

इस दौरान स्कूली बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति से समारोह में चार चांद लगा दिये। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जीआर टम्टा ने बताया कि भोरत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा और सबसे ताकतवर संविधान है। श्रीमती अंजू राज ने कहा कि तीन सौ सालों के इतिहास में पूरे विश्व मे बाबा साहेब के बराबर और कोई दूसरा इतना ज्यादा ज्ञानी पैदा ही नहीं हुआ इसी लिए उनको सिंबल ऑफ नॉलेज का खिताब हासिल हुआ। पूर्व प्रधान यशपाल आर्य ने कहा कि हर भारतीय नागरिक के लिए 26 नवंबर का दिन बेहद खास होता है यह वही दिन है जब देश की संविधान सभा ने मौजूदा संविधान को विधिवत रूप में अपनाया था यह संविधान ही है जो हमें आजाद देश का आजाद नागरिक की भावना का विश्वास देता है। नफ़ीस अहमद खान ने कहा कि गुलाम भारत और आज़ाद भारत के बीच का फर्क सिर्फ वह किताब है जिसे हम संविधान कहते हैं भारत का संविधान इतना महान है कि वह शरिया कानून को भी मानने की इजाज़त देता है और जो कुछ हमारे पास सुविधाएं मौजूद हैं वह संविधान की वजह से है।

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कार्यक्रम का संचालन जीवन प्रकाश ने किया। इस अवसर पर जे सी बेरी, बी एल आर्य, डी आर आर्य, हरीश लोधी, जीवन प्रकाश, एच आर टम्टा, सुंदर लाल बौद्ध, कैलाश सिंह पांगती, राजेन्द्र सिंह कुटियाल, मोहन लाल आर्य, आर पी गंगोला, बाल किशन राम, जे आर आर्य, एस डी आर्य, दयाराम आर्य, पंकज कुमार, प्रदीप कुमार, उषा आर्य, अंजूराज, सिराज अहमद, मोहम्मद सुलेमान आदि मौजूद रहे।

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