संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी पर केंद्र सरकार की सफाई…

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-जो 1987 से पहले जन्मे या जिनके माता-पिता 1987 से पहले पैदा हुए, वे सभी भारतीय हैं

समाचार सच, नई दिल्ली (एजेंसी)। संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर देशभर में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच केंद्र सरकार ने सफाई पेश की है। एक आधिकारिक सूत्र के मुताबिक 1987 से पहले भारत में पैदा हुआ कोई भी व्यक्ति या जिसके माता-पिता 1987 से पहले पैदा हुए हों, कानून के अनुसार एक भारतीय नागरिक होंगे। संशोधित नागरिकता कानून या देश में लागू हो रही एनआरसी से किसी को डरने की जरूरत नहीं है।

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नागरिकता अधिनियम संशोधन 2004 के मुताबिक असम को छोड़कर शेष देश में अगर किसी के माता-पिता में कोई भी एक भारत का नागरिक है और अवैध अप्रवासी नहीं है तो ऐसे बच्घ्चों को भारतीय नागरिक माना जाएगा। अधिकारी के मुतबिक एक अधिकारी ने कहा कि जो कोई भी व्यक्ति भारत में 1987 से पहले जन्मा है, कानून के मुताबिक उसे स्वतः ही भारत का नागरिक माना जाएगा। असम के मामले में कट ऑफ डेट 1971 है।

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और हाल में बने कानून के बारे में सोशल मीडिया पर कई संस्करण प्रसारित किए जाने के बीच यह स्पष्टीकरण आया है। अधिकारी ने कहा कि जिनका जन्म 1987 के पहले भारत में हुआ हो या जिनके माता-पिता का जन्म उस साल के पहले हुआ है, उन्हें कानून के तहत भारतीय माना जाएगा । असम के मामले में भारतीय नागरिक होने की पहचान के लिए 1971 को आधार वर्ष बनाया गया है ।

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