समाचार सच, काठमांडू (एजेन्सी)। नेपाल और तिब्बत में मंगलवार सुबह भूकंप के तेज झटकों ने तबाही मचा दी। नेपाल में सुबह 6.35 बजे आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.1 मापी गई, जिसका केंद्र नेपाल-तिब्बत सीमा के पास लोबुचे से 93 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में था। झटके इतने तेज थे कि उत्तर भारत, दिल्ली-एनसीआर, बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक महसूस किए गए।
नेपाल में भूकंप का असर
नेपाल में करीब 15 सेकंड तक झटके महसूस किए गए, जिससे लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए। काठमांडू निवासी मीरा अधिकारी ने बताया, वह सो रही थी, अचानक बिस्तर हिलने लगा। मैंने जल्दी से अपने बच्चे को लेकर खुले मैदान में शरण ली। हालांकि, नेपाल में अभी तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है।
तिब्बत में भारी तबाही
सुबह 9रू05 बजे तिब्बत के शिजांग स्वायत्त क्षेत्र के शिगाजे शहर के डिंगरी काउंटी में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया। इसका केंद्र जमीन से 10 किमी नीचे था। भूकंप के कारण 53 लोगों की मौत हो गई और 62 घायल हो गए। कई इमारतें ढह गईं, जिससे भारी नुकसान हुआ। सोशल मीडिया पर पोस्ट की गईं वीडियो में इमारतों के मलबे और घबराए हुए लोगों को देखा जा सकता है।
राहत और बचाव अभियान जारी
तिब्बत में राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है, और मलबे में फंसे लोगों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है।
नेपाल में भूकंप का इतिहास
नेपाल में पिछले कुछ वर्षों में भूकंप की घटनाएं बढ़ी हैं। हाल में दो जनवरी 2025 को 4.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जबकि नवंबर 2024 में 6.4 तीव्रता के भूकंप से 145 लोगों की जान चली गई थी। अप्रैल 2023 में भी नेपाल में दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
विशेषज्ञों का कहना है कि नेपाल और उसके आसपास के क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील हैं। लोगों को सतर्क रहने और आपदा प्रबंधन की तैयारियों को मजबूत करने की आवश्यकता है।
भूकंप की इस त्रासदी ने एक बार फिर प्राकृतिक आपदाओं के प्रति जागरूकता और सुरक्षा उपायों की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -
👉 हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें
👉 फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ लाइक करें
👉 यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करें
हमसे संपर्क करने/विज्ञापन देने हेतु संपर्क करें - +91 70170 85440