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भारतीय प्राचीन सनातन पद्धतियों को अपनाने से लोगों में होने वाली सद्धप्रभावों पर चर्चा की गयी

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समाचार सच, ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के तत्वावधान में इंटिग्रेटिव बैलेंस साइंस एंड प्रेक्टिसिस विषय पर कांफ्रैंस का आयोजन किया गया, जिसमें भारतीय प्राचीन सनातन पद्घतियों का संदेश दिया गया। कांफ्रैंस में तमाम सनातन पद्घतियों को अपनाने से लोगों में होने वाली बीमारियों पर सद्भप्रभावों पर चर्चा की गई। जिसमें बताया गया कि खान-पान, रहन सहन आदि प्राचीन पद्घतियों का पालन करने से तमाम तरह की बीमारियों पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता है। इस अवसर पर अपने संदेश में सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जीवन की हर अवस्था खासकर विद्यार्थी जीवन में एक स्वस्थ एवं नियंत्रित जीवन पद्घति जरुरी है। उन्होंने जोर दिया कि चिकित्सा क्षेत्र में कार्य करने वाले तमाम लोगों व विद्यार्थियों के लिए यह और अधिक महत्वपूर्ण है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोग प्राचीन सनातन पद्घतियों को इस विषय की जानकारियों अपने रोगियों को भी साझा कर सकते हैं। सीएम ने कहा कि यौगिक जीवन पद्घति एक संपूर्ण एवं सर्वाेच्च जीवन पद्घति है। उन्होंने बताया कि मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि ऋषिकेश एम्स ने इस महत्वपूर्ण विषय पर शैक्षणिक समारोह का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि जीवन में अनुशासित दिनचर्या, आहार, विचार, आचार व्यवहार आवश्यक है, इन सब बिंदुओं को योग पद्घति में विस्तृत वर्णन मिलता है। एम्स की ओर से आयोजित कांफ्रैंस में संस्थान के चिकित्सकों, फैकल्टी सदस्यों, रेजिडेंट्स व एमबीबीएस विद्यार्थियों ने बढ़चढ़कर प्रतिभाग किया। जिसमें उन्हें योग, प्रणायाम, ध्यान, वेदांत, सात्विक आहार, दिनचर्या, तनाव को कम करने के उपाय आदि विषयों पर चर्चा की गई। उन्हें सनातन पद्घतियों से लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले अच्छे व बीमारियों पर वैज्ञानिक रूप से देखे गए प्रभावों व बदलावों के बारे में जागरूक किया गया। बताया गया कि प्राचीन समय में लोग अपने सही खानपान, रहन सहन, सुव्यवस्थित दिनचर्या व योग, प्राणायाम आदि से बीमारियों की जद में नहीं आते थे, मगर वर्तमान में जंक फूड, गलत खानपान, अनियमित दिनचर्या, ऑयली व प्रोसेस फूड के अत्यधिक व नियमित सेवन से तमाम तरह की बीमारियों का खतरे बढ़ गए हैं। प्राचीन खानपान, दिनचर्या की अनदेखी लाइफ स्टाइल डिजिज हाईपरटेंशन, हाईब्लडप्रेशर, कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना, मधुमेह, कैंसर व हार्ट अटैक आदि बीमारियों के खतरे बढ़ गए हैं। इस अवसर पर श्रीरामकृष्ण मिशन अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. स्वामी दयाधीपानंदा महाराज ने सभी प्रतिभागियों को लाइव योगा,प्राणायाम व मेडिटेशन का अभ्यास कराया और तमाम ध्यान, योग पद्घतियों से शरीर पर पड़ने वाले अच्छे प्रभावों के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह की अगुवाई में संस्थान के करीब तीन सौ चिकित्सकों व छात्र छात्राओं ने भी योगाभ्यास व ध्यान किया। साइंटिफिक सत्र में मुख्य वक्ता यूएस में इंटरवेंशन कॉर्डियोलॉजिस्ट डा. सुशील शर्मा ने शोध आधारित इंटिग्रेटिव वेलनैस पर व्याख्यान दिया। उन्होंने लोगों को बताया कि प्राचीन दिनचर्या का हमारी बीमारियों को ठीक करने में क्या वैज्ञानिक प्रभाव है इस पर गहनता से विस्तृत चर्चा की। कैसे खानपान होना चाहिए, कितनी कैलोरी लेनी चाहिए आदि बिंदुओं पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी। संस्थान की डीन रिसर्च व सीएफएम विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वर्तिका सक्सैना ने स्वस्थ जीवन जीने के लिए हमारी दिनचर्या कैसी होनी चाहिए इसके बाबत बताया, जबकि डा. गौरी मित्तल ने स्ट्रेस मैनेजमेंट पर व्याख्यान दिया और लोगों से तनाव को दूर रखने के उपाय सुझाए। इस अवसर पर आयोजन समिति के अध्यक्ष डा. वरुण कुमार, आयोजन सचिव डा. विनोद,डीन प्रो.जया चतुर्वेदी, एमएस प्रो. संजीव कुमार मित्तल, प्रो.प्रशांत पाटिल, प्रो.पुनीत धर,प्रो. नीलोत्पल चौधरी, डा. बलरामजी ओमर, डा.वंदना धींगरा, डा.शाजिया, डा.संकेत, डा.अजय आदि मौजूद थे।

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