चॉक, मिट्टी, रबड़-कागज खाने की आदत दे सकती है कई गंभीर बीमारियों को जन्म

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The habit of eating chalk, soil, rubber-paper can give birth to many serious diseases.

समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। कई लोगों को मिट्टी, चॉक आदि खाने की आदत होती है। हालांकि यह आदत छोटे बच्चों में अधिकतर देखने को मिलती है। लेकिन अगर आप भी इन चीजों को खाते हैं तो आपको सतर्क होने की जरूरत है। क्योंकि यह शरीर में गंभीर बीमारियों को जन्म देता है।

अपने आसपास आपने कई लोगों को चॉक, मिट्टी, रबड़ और कागज आदि को खाते देखा होगा। इन चीजों को खाते देख भले ही आपको हैरानी होती हो, लेकिन आपको बता दें कि ये चीजें कुछ लोगों की पसंदीदा होती हैं। कई लोग इन्हें बड़े चाव से खाते हैं। ऐसा अक्सर बच्चों के साथ अधिकतर देखने के मिलता है। लेकिन यह आदत सिर्फ बच्चों तक ही सीमित नहीं होती कई बार बड़े लोग भी इन चीजों को खाना पसंद करते हैं। हालांकि बड़े लोग चॉक, मिट्टी और रबड़ आदि का छुपकर सेवन करते हैं। जिससे वह लोगों की नजरों में आने से बच जाते हैं।

बीमारी से लगती है ऐसी लत
डॉक्टर्स के अनुसार, चॉक, मिट्टी, रबड़ और कागज जैसी चीजों को खाने की आदत ईटिंग डिसॉर्डर से जुड़ा होता है। यह किसी भी उम्र में हो सकता है। वहीं जो लोग जिन चीजों को नहीं खाते हैं, उनमें भी यह आदत अचानक से शुरू हो सकती है। डॉक्टर्स के अनुसार, आपका माइंड कुछ कुछ खास स्थितियों में बॉडी को इन चीजों को खाने का ऑर्डर देता है। जिसके बाद लोग बिना अच्छा-बुरा सोचे समझे इन्हें खाने लगते हैं। वहीं धीरे-धीरे यह आदत का रूप ले लेती है और अंदर ही अंदर गंभीर बीमारियों को जन्म देती है।

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चिड़िया के नाम पर है इस बीमारी का नाम
दरअसल इस बीमारी का नाम एक चिड़िया के नाम पर रखा गया है। पीका नाम की चिड़िया भूख लगने पर कुछ भी खा लेती है। इसी कारण जब इंसान भी कुछ भी खा लेते हैं तो इस आदत को पीका डिसॉर्डर नाम से जाना जाता है। पीका डिसॉर्डर से पीड़ित लोगों का चॉक, मिट्टी, मेटल, कागज, पेंसिल, प्लास्टिक और लकड़ी आदि खाने का मन करता है।

आयरन की कमी
कुछ लोग लंबे समय तक कुछ भी नहीं खाते तो वहीं कुछ लोगों में कुछ भी खाने की आदत होती है। लोग इसे भूख और चटोरेपन से जोड़कर देखते हैं। लेकिन हाल ही में हुए रिसर्चों में यह बात सामने आई है कि इस आदत का न तो चटोरेपन से कोई लेना-देना होता और न ही इसका मेंटल हेल्थ से कोई खास लेना-देना है। जब आपके शरीर में आयरन की कमी होती है तो यह आदतें सामने आती हैं। मांइड को ऐसा लगता है कि इन चीजों को खाने से आयरन की कमी को पूरा किया जा सकता है। ऐसे में लोग चाहकर भी खुद को नहीं रोक पाते और मिट्टी, चॉक आदि खाना शुरूकर देते हैं।

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बच्चों और प्रेग्नेंट महिलाओं में होती है ये समस्या
डॉक्टर्स के अनुसार, ईटिंग डिसॉर्डर किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है। लेकिन गर्भवती महिलाओं और 6 साल की उम्र तक वाले बच्चों में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। बच्चे नादानी और जिज्ञासा के कारण ऐसा करते हैं तो वहीं प्रेग्नेंट महिलाओं में आयरन की कमी के चलते ऐसा देखने को मिलता है। क्योंकि गर्भवती महिलाओं में हॉर्माेनल असंतुलन देखा जाता है।

मिट्टी खाना सेहत के लिए खतरनाक
आपको बता दें कि पीका डिसॉर्डर से पीड़ित लोगों को मिट्टी आदि खाना पसंद होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मिट्टी आपके शरीर को काफी नुकसान पहुंचाती है। इससे व्यक्ति के पेट में इंजेक्शन और सूजन की शिकायत देकने को मिलती है। मिट्टी धीरे-धीरे पूरे पाचन-तंत्र को निष्क्रिय बना देती है।

पीका ईटिंग डिसॉर्डर का समाधान
पीका ईटिंग डिसॉर्डर से पीड़ित लोगों को समाधान बताते हुए डायटीशिन कहती हैं कि शरीर को सभी तरह के पोषक तत्व देने चाहिए। ऐसा करने से आप इस समस्या से बच सकते हैं। साथ अपने मांइड को कंट्रोल करना सीखें। जिससे कि आप इन सारी चीजों को खाने के लिए खुद के माइंड को कंट्रोल कर सकें। अगर आपका भी इन सब चीजों को खाने का मन करता है तो आप डॉक्टर की सलाह पर आयरन सप्लिमेंट अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।

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