उत्तराखंड में झमाझम बारिश की संभावना, मौसम विभाग का इन छह जिलों के लिए जारी येलो अलर्ट

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समाचार सच, देहरादून। उत्तराखंड में मौसम विज्ञान केंद्र ने शुक्रवार को 6 जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। अन्य जिलों में भी झमाझम बारिश की संभावना जताई गई है। उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में आज तेज बारिश हो सकती है। देहरादून सहित उत्तरकाशी, बागेश्वर, नैनीताल, चंपावत और उधम सिंह नगर जिले के कुछ इलाकों में गरज- चमक के साथ भारी बारिश का येलो अलर्ट है। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले 5 दिनों तक प्रदेश के पर्वतीय जिलों में गर्जन के साथ तेज दौर की बारिश हो सकती है।

गुरूवार को प्रदेश भर में बारिश और मलबा आने से 93 मार्ग बंद है। आपदा प्रबंधन विभाग और स्थानीय प्रशासन की मदद से लगातार बंद पड़े रास्तों को खोलने की तैयारी की जा रही है। वहीं, देहरादून में सुबह से ही आसमान में बादलों की आवाजाही देखी जा रही है। दिन में बारिश का असर दिख सकता है। रुद्रप्रयाग- केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग में कुंड पुल के पास कटाव होने के चलते वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है। भारी वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्ग कुंड चुन्नीबैंड से कालीमठ गेट गुप्तकाशी का प्रयोग किया जा रहा है। सोनप्रयाग गौरीकुंड केदारनाथ पैदल मार्ग में लिंचोली के पास मलबा आने से मार्ग बंद है। उत्तरकाशी में दो राज्य और 9 ग्रामीण मार्ग बंद है। वहीं, नैनीताल में एक राज्य और 10 ग्रामीण मार्ग बंद है। बागेश्वर में 12 ग्रामीण मार्ग देहरादून में एक राज्य और 7 ग्रामीण मार्ग बंद है। वहीं, 31 जुलाई को केदार घाटी में हुई अतिवृष्टि के चलते जगह-जगह फंसे यात्रियों और स्थानीय लोगों सहित 15000 से अधिक को हवाई और पैदल मार्गाे से सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है।

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इधर आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन के अनुसार, अतिवृष्टि से 29 स्थानों पर भूस्खलन की चपेट में आने से पैदल एवं सड़क मार्ग अवरुद्ध हुआ है। विद्युत लाइन सहित बड़ी संख्या में सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा है। कुछ स्थानों पर दूरसंचार सेवाएं बाधित हुई हैं। क्षतिग्रस्त मार्गों को ठीक करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। 16 स्थानों पर मार्ग पूरी तरह से बह गया है। लोक निर्माण विभाग ने रास्ते की मरम्मत के लिए 230 मजदूर लगाए हैं। सचिव ने कहा कि संवेदनशील स्थानों पर मजदूर खाई में उतर कर खुदाई कर रहे हैं। वहीं, रस्सों के सहारे पुश्ता निर्माण के लिए बुनियाद रखी जा रही है। पूरे मार्ग को ठीक करने में एक माह का समय लग सकता है। बारिश होने की वजह से मरम्मत और पुनर्निर्माण का काम बाधित हो रहा है।

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