
समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। शरीर में पानी की आवश्यक मात्रा का होना बहुत जरूरी होता है। शरीर में पानी की कमी होने पर इंसान को प्यास लगती है और इसके लिए हमारा शरीर संकेत भी देता है। चिकित्सक और हेल्थ एक्सपर्ट्स भी इस बात की सलाह देते हैं कि समय-समय पर शरीर की जरूरत के हिसाब से इंसान को पानी पीना चाहिए। एक स्वस्थ व्यक्ति को औसतन 3 से 4 लीटर पानी रोज पीना चाहिए। लेकिन कई लोगों को कुछ कारणों से बार-बार प्यास लगने की समस्या हो जाती है। आवश्यकता से अधिक प्यास लगने की समस्या शरीर में कुछ बीमारियों का संकेत भी हो सकती है। मधुमेह (डायबिटीज) जैसी समस्या में भी व्यक्ति को जरूरत से ज्यादा प्यास लगती है। बार-बार प्यास लगने की समस्या को पॉलीडिप्सिया के नाम से जाना जाता है। जब एक सामान्य स्वस्थ व्यक्ति को बार-बार प्यास लगने की आदत होती है तो यह संकेत शरीर में कुछ बीमारियों की तरफ इशारा करता है। आइये जानते हैं इनके बारे में और इस समस्या से बचने के लिए आयुर्वेदिक इलाज के बारे में।





बार-बार प्यास लगने की समस्या –
बार- बार प्यास लगने की समस्या को लेकर किये गए तमाम रिसर्च और अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि अत्यधिक प्यास लगना शरीर में कुछ बीमारियों का संकेत हो सकता है। एक स्वस्थ और सामान्य व्यक्ति को दिन भर में कम से कम 3 से 4 लीटर पानी की आवश्यकता होती है लेकिन किसी बीमारी या दूसरी स्थिति में इसकी मात्रा बढ़ और घट सकती है। लेकिन जब किसी भी व्यक्ति को औसत से अधिक प्यास लगने लगे तो इसे सामान्य समझकर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। आइये जानते हैं अत्यधिक प्यास लगने की समस्या के पीछे क्या कारण है और यह शरीर में किन बीमारियों के बारे में संकेत करता है?
डिहाइड्रेशन
शरीर में पानी की कमी की समस्या को डिहाइड्रेशन कहा जाता है। किसी भी व्यक्ति को डिहाइड्रेशन की समस्या होने पर उसका शरीर प्यास का संकेत देता है। यह समस्या शरीर में पानी की कमी से होती है और इसके पीछे कई अन्य कारण भी है। डिहाइड्रेशन की समस्या होने पर इंसान को बार-बार प्यास लगना, मुहं सूख जाना, थकान और उल्टी जैसी समस्या होती है। इस स्थिति में मरीज को पानी और इलेक्ट्रोलाईट्स दिया जाता है।
डायबिटीज
किसी भी व्यक्ति को बार-बार प्यास लगना शरीर में डायबिटीज की समस्या का संकेत भी हो सकता है। डायबिटीज की समस्या खानपान और जीवनशैली की वजह से होती है और इस समस्या में खून में शुगर की मात्रा कम या ज्यादा हो जाती है। डायबिटीज की समस्या से ग्रसित मरीजों को बार-बार प्यास लगने की समस्या होती है।
एंग्जायटी
मानसिक तनाव और एंग्जायटी से जूझ रहे लोगों को भी बार-बार प्यास लगने की समस्या हो सकती है। एंग्जायटी में इंसान के दिल की धड़कन का अचानक तेज होना, सांस फूलना और बेचौनी आदि होने लगती है। इसकी वजह से इंसान को बार-बार प्यास लगने लगती है। यह एक मानसिक बीमारी है जिसका समय पर इलाज किया जाना जरूरी होता है।
अपच की वजह से बार-बार प्यास लगना
अपच या पेट की समस्या में भी इंसान को अत्यधिक मात्रा में प्यास लगती है। इस समस्या में पेट में भोजन का पाचन सही ढंग से नही हो पाता है जिसकी वजह से पेट में दर्द और मरोड़ की समस्या हो सकती है। इस समस्या से ग्रसित व्यक्तियों को भी बार-बार प्यास लगने की आदत होती है। अगर किसी भी व्यक्ति को बार-बार प्यास लगने की समस्या हो रही है तो इसका मतलब भी यह है कि उसे अपच की समस्या है।
अत्यधिक पसीना आना
अत्यधिक पसीना आने की समस्या या हाइपरहाइड्रोसिस शरीर में डायबिटीज या थायराइड का संकेत हो सकता है। ज्यादातर यह समस्या अधिक वजन वाले व्यक्तियों में देखी जाती है। हालांकि इस समस्या का शरीर पर कोई विशेष प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है लेकिन इसकी वजह से इंसान के शरीर में पानी की कमी हो सकती है। और अत्यधिक पसीना आने की वजह से भी बार-बार प्यास लगने की समस्या होती है।
बार-बार प्यास लगने की समस्या का आयुर्वेदिक इलाज
आयुर्वेद में शरीर से जुड़ी हर समस्या का इलाज बताया गया है। सैकड़ों साल पहले लोग बीमार होने पर आयुर्वेद का ही सहारा लेते थे। अत्यधिक प्यास लगने की समस्या में भी कुछ आयुर्वेदिक नुस्खे बहुत फायदेमंद होते हैं। अगर आपको भी बार-बार प्यास लगने की समस्या हो रही है तो आब इन नुस्खों को अपना सकते हैं।
- आयुर्वेद के मुताबिक बार-बार प्यास लगने की समस्या होने पर आप आंवले के पाउडर को शहद के साथ मिलकर खाएं। इसका नियमित रूप से सेवन करने पर बार-बार प्यास लगने की समस्या में आराम मिलता है। इस समस्या में शहद और आंवले के पाउडर का अनुपात बराबर होना चाहिए।
- बार-बार प्यास लगना शरीर में कई गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। इस समस्या से बचने के लिए आप आयुर्वेद में बताये गए नियमों का पालन कर सकते हैं। आयुर्वेद के मुताबिक बार-बार प्यास लगने की समस्या में काली मिर्च के पाउडर का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। एक चम्मच काली मिर्च के पाउडर को पानी में उबालें और फिर इसे ठंडा करके पिएं।
- बार-बार प्यास लगने की समस्या में आयुर्वेद के मुताबिक सौंफ का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। सौंफ को आयुर्वेद में औषधि माना जाता है। बार-बार प्यास लगने पर आप सौंफ को भिगो दें और फिर इसे अच्छी तरह से पीसकर इसका सेवन करें। रोजाना इसका सेवन करने से बार-बार प्यास लगने की समस्या दूर होती है।
क्या आपको भी लगती है ज्यादा प्यास (पॉलीडिप्सिया), जानें लक्षण और उपचार
बार-बार प्यास लगने की समस्या को चिकित्सक चिंताजनक स्थिति मानते हैं। अगर आप अधिक मात्रा में लगातार पानी का सेवन करते हैं तो इसकी वजह से शरीर में कई दिक्कतें भी हो सकती हैं। बार-बार प्यास लगने की समस्या होने पर एक साथ अधिक मात्रा में पानी नहीं पीना चाहिए। आप इस समस्या के होने पर ऊपर बताये गए आयुर्वेदिक नुस्खों को अपना सकते हैं। यह समस्या अगर अधिक दिनों तक बनी रहती है तो चिकित्सक से संपर्क करना उचित होता है।

सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -
👉 हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें
👉 फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ लाइक करें
👉 यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करें
हमसे संपर्क करने/विज्ञापन देने हेतु संपर्क करें - +91 70170 85440