देहरादून में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने किया पत्रकार सम्मेलन को सम्बोंधित
समाचार सच, देहरादून (एजेंसी)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 केवल उन अल्पसंख्यक समुदायों की सहायता के लिए है जो तीन पड़ोसी देशों में धार्मिक प्रताड़ना झेल रहे हैं। इस अधिनियम से किसी की भी नागरिकता नहीं जाएगी और न ही यह किसी समुदाय या संप्रदाय के विरुद्ध है।
श्री ठाकुर शनिवार को देहरादून में आयोजित पत्रकार सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि भारत व पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदायों की रक्षा के लिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और लियाकत अली के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। भारत इस समझौते पर कायम है लेकिन पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति दयनीय हैं।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर हिन्दुओं, जैन, सिख, बुद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को अभियोग का सामना करना पड़ा है। इसके कारण इन तीनों देशों से अल्पसंख्यक व्यापक स्तर पर शर्णार्थी बनकर आ रहे हैं।उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के नेता इस मामले का राजनीतिकरण कर रहे है और झूठे बयान देकर लोगों को भ्रमित कर रहे है। इस अधिनियम में देश में रह रहे अल्पसंख्यकों के विरुद्ध कुछ नहीं है क्योंकि वे पहले ही भारत के नागरिक है। यह अधिनियम केवल अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले हिन्दू, सिख, बुद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के शर्णार्थियों के लिए है जिन्होंने अत्याचारों के कारण अपना देश छोड़ा है।
उन्होंने कहा कि श्री ननकाना साहिब की घटना पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हो रहे अत्याचार का उदाहरण है।जय राम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को राई का पहाड़ बनाकर लोगों को गुमराह कर रही है जबकि यह अधिनियम देश के किसी भी नागरिक के अहित में नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत में हर अल्पसंख्यक पूरी आज़ादी के साथ अपने धर्म का पालन करने के लिए सुरक्षित व स्वतंत्र है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के 566 मुसलमानों को भारतीय नागरिकता दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय मूल के उपरोक्त समुदायों के कई लोग नागरिकता अधिनियम, 1955 के अंतर्गत नागरिकता के लिए आवेदन कर रहे हैं लेकिन भारतीय होने का सबूत देने में वे सफल नहीं हो पा रहे है इसलिए उन्हें नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 6 के अंतर्गत नागरिकता के लिए आवेदन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, भाजपा अध्यक्ष व सांसद अजय भट्ट, राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष बलदेव तोमर, मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्बाल, मुख्यमंत्री के ओएसडी शिशु धर्मा सहित आदि भाजपाई उपस्थित थें।


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