समाचार सच, ज्योतिर्मठ। बीते दिनों चमोली जिले के ज्योतिर्मठ के निकट चांचडी गांव के पास एक जली हुई कार में महिला का शव मिलने से सनसनी फैल गई थी। जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ हैकृकार में मृत पाई गई महिला और लापता कार स्वामी आपस में सगे भाई-बहन हैं।


घटना सुभाई-भविष्य बदरी मोटर मार्ग की है, जहां तपोवन के पास चांचडी गांव के समीप एक कार में श्वेता सेनापति (निवासी बेंगलुरु, कर्नाटक) का जला हुआ शव बरामद किया गया। जबकि कार के मालिक संतोष कुमार सेनापति (निवासी बेंगलुरु) का अब तक कोई सुराग नहीं लग सका है। दोनों पिछले तीन महीने से ज्योतिर्मठ क्षेत्र के ढाक गांव स्थित एक होम स्टे में रह रहे थे।
पुलिस जांच में पता चला कि श्वेता और संतोष ओडिशा के रायगड़ा जिले के रहने वाले थे। बेंगलुरु और विशाखापट्टनम पुलिस की मदद से यह भी सामने आया कि दोनों के पिता लकड़ी के व्यापारी थे, जिनका निधन 16 वर्ष पूर्व हो गया था। इसके बाद दोनों भाई-बहन बड़े भाई के साथ विशाखापट्टनम आ गए थे, जहां उन्होंने साड़ियों का कारोबार शुरू किया, लेकिन असफलता मिलने पर वे सात साल पहले बेंगलुरु शिफ्ट हो गए।
बेंगलुरु में संतोष ने टैक्सी खरीद कर ड्राइवर का काम शुरू किया, वहीं श्वेता एक रियल एस्टेट कंपनी से जुड़ गईं। कोविड काल में उनके बड़े भाई का निधन हो गया, जिसके बाद वे 2022 में हरिद्वार आ गए। तीन साल तक सिडकुल क्षेत्र में रहने के बाद दिसंबर 2023 में दोनों ज्योतिर्मठ आ पहुंचे थे।
चौंकाने वाली बात यह है कि दोनों लंबे समय से किसी भी रिश्तेदार के संपर्क में नहीं थे। चमोली पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार के अनुसार, रायगड़ा स्थित उनके परिजनों से संपर्क करने पर भी यही जानकारी सामने आई कि दोनों से कई वर्षों से कोई संवाद नहीं था।
फिलहाल पुलिस व एसडीआरएफ की टीम चांचडी के जंगलों में ड्रोन की मदद से सघन सर्च अभियान चला रही है। साथ ही, संतोष सेनापति की तलाश विशाखापट्टनम, बेंगलुरु और ओडिशा में भी जारी है।





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