याददश्त क्यों कमजोर होती है इसको कैसे बढ़ाएं

खबर शेयर करें

समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। याददाश्त कमजोर होने के कई कारण हो सकते हैं। यह समस्या शारीरिक, मानसिक, या जीवनशैली से संबंधित हो सकती है। इसे बढ़ाने के लिए उचित उपाय करना जरूरी है।

Ad Ad

याददाश्त कमजोर होने के कारण
तनाव और चिंता

मानसिक तनाव दिमाग की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है।
नींद की कमी
पर्याप्त नींद न लेने से दिमाग को आराम नहीं मिलता, जिससे याददाश्त कमजोर होती है।
पोषक तत्वों की कमी
विटामिन बी12, ओमेगा-3 फैटी एसिड, और एंटीऑक्सीडेंट्स की कमी याददाश्त पर असर डाल सकती है।
आलस्य या निष्क्रियता
नियमित शारीरिक और मानसिक गतिविधियों की कमी दिमाग की क्षमता को कम कर सकती है।
अत्यधिक तकनीक का उपयोग

मोबाइल और कंप्यूटर का अत्यधिक इस्तेमाल ध्यान और स्मरण शक्ति को कम करता है।
बढ़ती उम्र
उम्र बढ़ने के साथ दिमाग की कोशिकाओं की कार्यक्षमता में कमी आ सकती है।
बीमारियां
थायरॉयड, अल्जाइमर, या डिप्रेशन जैसी समस्याएं भी स्मरण शक्ति को प्रभावित करती हैं।

यह भी पढ़ें -   पुलिस ने रास्ता भटकी बालिका को परिजनों से मिलाया, परिवार में लौटी खुशियां, जताया आभार

याददाश्त बढ़ाने के उपाय
संतुलित आहार लें
ब्रेन फूड्स

  • बादाम, अखरोट, और काजू जैसे नट्स।
  • मछली (ओमेगा-3 फैटी एसिड)।
  • हरी पत्तेदार सब्जियां (पालक, ब्रोकोली)।
  • जामुन और फल जैसे ब्लूबेरी, अनार, और सेब।
  • पर्याप्त पानी पिएं और जंक फूड से बचें।

योग और ध्यान करें
ध्यान – मस्तिष्क को शांत करता है और एकाग्रता बढ़ाता है।
प्राणायाम और अनुलोम-विलोम जैसे योगासन स्मरण शक्ति के लिए फायदेमंद हैं।

नींद पूरी करें
7-8 घंटे की गहरी नींद लें।
सोने और जागने का नियमित समय बनाएं।

व्यायाम करें
नियमित शारीरिक गतिविधि जैसे टहलना, दौड़ना, और खेल खेलना दिमाग में रक्त संचार को बेहतर बनाता है।

मानसिक कसरत करें
पज़ल्स हल करना, शतरंज खेलना, और नई चीजें सीखना जैसे नए कौशल या भाषा याददाश्त के लिए अच्छे हैं।

यह भी पढ़ें -   ‘‘ऑपरेशन कालनेमि’’ के तहत नैनीताल पुलिस ने चलाया सघन चैकिंग अभियान

टेक्नोलॉजी का सीमित उपयोग करें
स्क्रीन समय को सीमित करें और अधिक समय सामाजिक बातचीत या रचनात्मक कार्यों में लगाएं।

आयुर्वेदिक उपाय
ब्राह्मी, शंखपुष्पी, और अश्वगंधा जैसी जड़ी-बूटियां याददाश्त बढ़ाने में सहायक होती हैं।
रोज सुबह 5-6 भिगोए हुए बादाम खाएं।

सकारात्मक सोच रखें
खुद पर भरोसा रखें और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं।

मल्टीटास्किंग से बचें
एक समय में केवल एक काम पर ध्यान केंद्रित करें।

यदि समस्या बनी रहे तो
किसी न्यूरोलॉजिस्ट, मनोवैज्ञानिक, या पोषण विशेषज्ञ से सलाह लें। विशेष रूप से अगर समस्या लंबे समय तक बनी रहती है या और गंभीर हो जाती है।

सही आदतें और नियमित प्रयास आपके मस्तिष्क को मजबूत बना सकते हैं।

Ad

सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -

👉 हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

👉 फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ लाइक करें

👉 यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करें

हमसे संपर्क करने/विज्ञापन देने हेतु संपर्क करें - +91 70170 85440