भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है अनंत चतुर्दशी, गणेश विसर्जन के नियम और इस दिन की कुछ खास बातें…

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समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। 6 सितंबर 2025, शनिवार को अनंत चतुर्दशी का पावन पर्व मनाया जाएगा। यह दिन गणेश उत्सव का समापन होता है, जब भक्तजन गणपति बप्पा को विदाई देते हैं। अनंत चतुर्दशी को भगवान विष्णु के अनंत रूप की भी पूजा की जाती है। आइए जानते हैं गणेश विसर्जन के नियम और इस दिन की कुछ खास बातें…

गणेश विसर्जन के नियम

  • अनंत चतुर्दशी के दिन श्रीगणेश विसर्जन से पहले, भगवान गणेश की अंतिम पूजा करें। उन्हें मोदक, लड्डू, फल और फूल चढ़ाएं। आरती करें और जाने-अनजाने में हुई किसी भी गलती के लिए उनसे क्षमा प्रार्थना करें।
  • फिर गणपति की प्रतिमा को घर से बाहर निकालने से पहले, उन्हें परिवार के सदस्यों द्वारा एक लकड़ी के पाटे पर रखा जाता है। यह यात्रा नाचते-गाते और श्गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आश् के जयघोष के साथ निकाली जाती है।
  • तत्पश्चात पारंपरिक तरीके से आप प्रतिमा को नदी, तालाब या समुद्र में विसर्जित कर सकते हैं। या पर्यावरण अनुकूल गणेशजी की प्रतिमा हो तो यानी आजकल मिट्टी से बनी इको-फ्रेंडली प्रतिमाओं को घर पर ही एक बड़े टब या बाल्टी में विसर्जित करने का चलन बढ़ रहा है। यह पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सबसे अच्छा तरीका है।
  • अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन करते समय भगवान से प्रार्थना करें कि वे आपके घर के सभी दुखों को अपने साथ ले जाएं और अगले साल फिर से आपके घर आएं। इस दौरान श्गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठ, स्वस्थाने परमेश्वर। मम पूजा गृहीत्मेत्वां, पुनरागमनाय च’ मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है।
  • विसर्जन के बाद घर लौटते समय पीछे मुड़कर देखने की मनाही है, अत: घर वापस आने के पश्चात सीधे हाथ-पैर धोकर भगवान से प्रार्थना करें कि वे आपके घर-परिवार में सुख-शांति बनाए रखें।
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अनंत चतुर्दशी की खास बातें
अनंत सूत्र

इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के बाद श्अनंत सूत्रश् यानी 14 गांठ वाला एक धागा बांधा जाता है। इस धागे को अपनी कलाई में बांधने से भक्तों को धन, स्वास्थ्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

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प्रतीकात्मक महत्व
गणेश विसर्जन जीवन की चक्रीय प्रक्रिया का प्रतीक है। यह हमें सिखाता है कि जो पैदा हुआ है, उसका अंत निश्चित है और उसके बाद एक नई शुरुआत भी होती है।

अनंत चतुर्दशी के दिन के शुभ मुहूर्त
6 सितंबर 2025 को विसर्जन के लिए कुछ शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं-
सुबह का मुहूर्त: सुबह 07.35 बजे से दोपहर 12.20 बजे तक
शाम का मुहूर्त: शाम 05.07 बजे से रात 06.40 बजे तक

आज करें परंपरागत मान्यताओं पर आधारित ये खास उपाय

  • लाल रंग के फूलों से गणेश को विदाई से घर आएगी समृद्धि।
  • पीले वस्त्र में मिठाई बांधकर जल में बहाएं, दरिद्रता से मुक्ति मिलेगी।
  • 5 सुपारी पर रोली और अक्षत लगाकर तिजोरी में रखें, इस उपाय से अपार धनवृद्धि होगी।
  • चांदी का गणेश यंत्र या मूर्ति पूजा स्थान में रखें, इससे शुभता आएगी।

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